छात्रवृत्ति घोटाला : 25 हजार की पगार लेेने वाले बन गए करोड़ों के घोटालेबाज

Edited By Vijay, Updated: 14 Apr, 2021 11:30 PM

25 thousand salary people have become the scamsters of crores

चंडीगढ़ स्थित एक निजी संस्थान में 25-25 हजार रुपए मासिक वेतन लेने वाले सिरसा निवासी कृष्ण कुमार और खरड़ निवासी राजदीप सिंह ने ऐसा ताना-बाना बुना कि चंद ही वर्षों में उन्होंने करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दे डाला। सीबीआई ने जांच में पाया है कि...

शिमला (राक्टा): चंडीगढ़ स्थित एक निजी संस्थान में 25-25 हजार रुपए मासिक वेतन लेने वाले सिरसा निवासी कृष्ण कुमार और खरड़ निवासी राजदीप सिंह ने ऐसा ताना-बाना बुना कि चंद ही वर्षों में उन्होंने करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दे डाला। सीबीआई ने जांच में पाया है कि दोनों ने छात्रवृत्ति की राशि हड़पने का ताना-बाना शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा के साथ बुना। इसके तहत सभी ने एक ग्रुप गठित किया और चम्बा, कांगड़ा, ऊना व सिरमौर में 9 फर्जी संस्थान खोले गए। इसमें मुख्य आरोपित राजटा की पत्नी को भी पार्टनर बनाया गया। इसके बाद करीब 8 हजार से अधिक छात्रों के नाम से करीब 30 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि को हड़प लिया। छात्रवृत्ति की राशि को हड़प कर कई व्यवसायों में भी लगाया गया है, जिसकी पड़ताल जारी है। शराब कारोबार में निवेश किए जाने का खुलासा हो चुका है। इस मामले में सीबीआई ने आरोपितों के ठिकानों पर भी दबिश दी थी।

दस्तावेजों में किए हस्ताक्षरों की हो रही जांच

सीबीआई पूरे घोटाले की परतें उधेड़ने के लिए कब्जे में लिए गए हर दस्तावेज को खंगाल रही है। इसके तहत कई हस्ताक्षरों का भी मिलान किया जा रहा है। इसके साथ ही यह पड़ताल भी हो रही है कि फर्जी तरीके से हड़पी गई छात्रवृत्ति की राशि किन-किन खातों में जमा हुई और उसे आगे किस तरह दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। इस जांच में ही सामने आया है कि छात्रवृत्ति की राशि को कारोबार में भी निवेश किया गया।

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