Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2024 10:59 PM
डल्हौजी के सरकारी स्कूल में एक साथ करीब 20 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इससे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया।
डल्हौजी (शमशेर): डल्हौजी के सरकारी स्कूल में एक साथ करीब 20 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इससे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में उपचार के बाद अब उनकी हालत में सुधार आया है। वीरवार को दोपहर बाद कुछ बच्चे तबीयत खराब होने की शिकायत लेकर अपने अध्यापकों के पास पहुंचे। इनमें से अधिकांश लड़कियां शामिल थीं, जिन्हें सिर दर्द, चक्कर आना और उल्टी आदि की शिकायत थी। देखते ही देखते कुछ बच्चों में हल्की-सी बेहोशी भी छाने लगी। स्कूल से छुट्टी होने का समय हो रहा था। आनन-फानन में स्कूल स्टाफ ने बच्चों के अभिभावकों को भी सूचित किया, साथ ही जिन बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो रही थी उनको स्थानीय नागरिक अस्पताल में भी ले जाया गया, जहां पर उपस्थित डाॅक्टरों की टीम ने फौरन बच्चों का इलाज शुरू कर दिया। अब सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
डॉक्टर बोले-शुरूआती तौर पर मास हिस्टीरिया के लग रहे लक्षण
ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर मनीष चौधरी ने बताया कि शुरूआती तौर पर ये लक्षण मास हिस्टीरिया के लग रहे हैं। बच्चों को इंजैक्शन आदि देने के साथ-साथ ग्लूकोज भी दिया जा रहा है। अब बच्चों की हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 15 से 20 बच्चों को लाया गया है और सभी बच्चों का पूर्ण रूप से इलाज कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वीरवार को स्कूल में बच्चों को आयरन की गोलियां दी गई थीं। इसके चलते कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। इसके साथ ही कुछ बच्चों ने पानी पीने के बाद तबीयत खराब होने की शिकायत की। इससे पेयजल की शुद्धता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्या कहते हैं स्कूल के प्रधानाचार्य
स्कूल प्रधानाचार्य नरेश चंदेल ने बताया कि सुबह बच्चों को आयरन की गोलियां तो दी गई थीं, लेकिन सारा दिन किसी भी बच्चे ने तबीयत खराब होने की कोई शिकायत नहीं की, जबकि छुट्टी के समय कुछ बच्चों ने इस तरह की तबीयत खराब होने की शिकायत की तो तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चों के अभिभावकों को सूचित किया गया और साथ ही कई बच्चों को सरकारी अस्पताल में भी उपचार के लिए भेजा गया।
एसडीएम ने जांच के दिए आदेश
एसडीएम डल्हौजी अनिल भारद्वाज ने बताया कि इस मामले की सूचना मिलते ही वह अस्पताल में पहुंच गए हैं। उन्होंने उपचाराधीन बच्चों और उपचार कर रहे डाक्टरों से भी बात की है, जिससे पता चलता है कि यह मामला मास हिस्टीरिया का बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब सभी बच्चों की हालत ठीक है और उनको इलाज के बाद घर में भेज दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने जल शक्ति विभाग और स्कूल प्रशासन को भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और स्कूल की पानी की टंकियों की सफाई के भी आदेश दिए हैं।
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