Edited By kirti, Updated: 28 Sep, 2018 01:48 PM
हिमाचल में जान लेवा बीमारी स्क्रब टाइफस का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में स्क्रब टाइफस से दो और लोगों की मौत हो गई है। यह दोनों लोग चौपाल के है । जिन्हें कुछ दिन पहले ही आईजीएमसी में भर्ती करवाया गया...
शिमला (राजीव): हिमाचल में जान लेवा बीमारी स्क्रब टाइफस का कहर थमने का नाम नही ले रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में स्क्रब टाइफस से दो और लोगों की मौत हो गई है। यह दोनों लोग चौपाल के है । जिन्हें कुछ दिन पहले ही आईजीएमसी में भर्ती करवाया गया था। दोनों की बीती रात मौत हो गई है। मृतकों की पहचान राम(55) व भूपेंद्र (37) के रुप में हुई है। बताया जा रहा है कि स्क्रब टाइफस से हिमाचल में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि इस साल आईजीएमसी में ही 1800 के करीब लोग स्क्रब टाइफस की जांच करवाने पहुचे। जिसमें से 300 के करीब लोगो मे स्क्रब टाइफस के लक्षण पाए गए।
IGMC के वरिष्ठ अधिकारी डॉ जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस से इस साल करीब 14 लोगों की आईजीएमसी में मौत हुई है। अस्पताल में करीब 1800 से ज्यादा मामले आए हैं, जिनमें से करीब 272 मामले पॉजिटिव हैं। उन्होंने बताया कि IGMC में स्क्रब टाइफस मरीजों के लिए मुफ्त में ही उपचार और दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी एक विशेष बैक्टिरिया रिकेटेशिया के काटने से फैलती है।जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। फिर चमड़ी के काटने से लोगों को अपनी चपेट में लेती है।फिर बहुत तेज बुखार आता है। समय पर इलाज न मिल पाने की सूरत मे पीड़ित की मौत हो जाती है। 2016 में इससे सूबे में 37 मौतें हुई थी।