Edited By Jyoti M, Updated: 30 May, 2025 02:47 PM

भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन पक्रिया को सभी हितधारकों के लिए बेहतर बनाने की दृष्टि से कुछ नवीन प्रयास किए गए हैं। यह जानकारी आज यहां ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने दी। मनमोहन शर्मा ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने...
सोलन। भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन पक्रिया को सभी हितधारकों के लिए बेहतर बनाने की दृष्टि से कुछ नवीन प्रयास किए गए हैं। यह जानकारी आज यहां ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने दी। मनमोहन शर्मा ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, समावेशी तथा प्रभावी बनाने के लिए 18 नवाचारों पर कार्य आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों को 06 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इनमें मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियागत सुधार, विधिक प्रावधान, निर्वाचन कर्मी और निर्वाचन आयोग में प्रशासनिक सुधार की दिशा में की जा रही पहलें सम्मिलित हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाता सर्वोपरि हैं। मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत के निर्वाचन आयोग ने एक मतदान केन्द्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की है। इस पहल के अनुसार अब किसी एक मतदान केन्द्र पर 1200 मतदाता ही अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य मतदाताओं को बेहतर सुविधा प्रदान करना और मतदान प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित बनाना है।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बहुमंजिला इमारतों एवं बड़ी कालानियों में अतिरिक्त मतदान केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को अद्यतन एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए अब मृत्यु पंजीकरण की जानकारी सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डाटाबेस से प्राप्त की जाएगी। इस जानकारी के आधार पर मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूचियों से शीघ्र हटाएं जा सकेंगे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के साथ समन्वय को और बेहतर करने की दिशा में कार्य कर रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार बेहतर समन्वय की दिशा में देश में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, ज़िला निर्वाचन अधिकारी तथा मतदाता पंजीकरण अधिकारी के स्तर पर 4719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। इनमें 28 हजार से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया है।
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर 57 बैठकें आयोजित की गई हैं। इनमें 200 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान द्वारा बूथ स्तर के एजेंट के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं ताकि बूथ स्तर पर सूक्ष्म निर्वाचन प्रबंधन और मज़बूत बन सके। ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रियागत सुधार के दृष्टिगत सभी निर्वाचन सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से नया ई.सी.आई. नेट डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या की समस्या का समाधान करने के लिए यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि प्रत्येक मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर अद्वितीय हो।
उन्होंने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन से सम्बन्धित विधिक प्रावधानों की जानकारी प्रदान करने के लिए मतदाता, निर्वाचन अधिकारी, राजनीतिक दल और प्रत्याशियों सहित 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की है। इन हितधारकों के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, नियमों और आयोग के निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है। इसका उद्देश्य मतदान प्रक्रिया एवं विधि के सम्बन्ध में सभी स्तरों पर उचित जानकारी उपलब्ध करवाना है।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन कर्मियों का सशक्तिकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि जानकर निर्वाचन कर्मी ही त्रुटिरहित मतदान प्रक्रिया का आधार है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक भारतीय अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान, नई दिल्ली द्वारा 03 हजार से अधिक बूथ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। भविष्य में लगभग एक लाख बूथ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि राज्य मीडिया नोडल अधिकारियों तथा राज्य सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में सत्र आयोजित किए गए।
उन्होंने कहा कि आयोग में प्रशासनिक सुधार के तहत आयोग के कार्यालयों में बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है। कागज़ रहित कार्य प्रणाली की दिशा में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदाता सूचना पर्ची को और अधिक स्पष्ट एवं उपयोग के अनुकूल बनाया गया है। अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित होगी। ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आयोग की यह पहल निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक पादर्शी, उत्तरदायी एवं आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता के अनुसार ‘हिमाचल प्रदेश इस दिशा में अग्रणी बनने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रहा है’।