Edited By Updated: 24 Oct, 2016 12:13 AM
जोगिंद्रनगर में पिछले एक माह से भी अधिक समय से नग्न अवस्था में घूम रहे एक मानसिक रोगी की व्यथा पर न तो अभी तक प्रशासन को रहम आया है....
जोगिंद्रनगर: जोगिंद्रनगर में पिछले एक माह से भी अधिक समय से नग्न अवस्था में घूम रहे एक मानसिक रोगी की व्यथा पर न तो अभी तक प्रशासन को रहम आया है ओर न ही किसी गैर-सरकारी संस्था ने इसे समुचित इलाज मुहैया करवाने में रुचि दिखाई है। मानसिक संतुलन खो चुका यह व्यक्ति पशु से भी बदतर जीवन जी रहा है।
यह रोगी गुगली खड्ड के आसपास ही रहता है तथा वहां पड़े कूड़े के ढेर से अपने पेट की आग बुझाने के लिए प्रयत्नशील रहता है। दिनोंदिन बढ़ रही ठंड के बावजूद इस व्यक्ति के शरीर पर एक भी कपड़ा न होने से आने वाले समय में इस व्यक्ति के जिंदा रहने की उम्मीदें भी कम ही दिख रही हैं। शक्ल-सूरत से यह व्यक्ति किसी बाहरी प्रदेश का लगता है।
लोग कर रहे सहायता
कुछ लोगों ने इस व्यक्ति को कपड़े तथा समय-समय पर खाना दिया है, लेकिन इलाज के अभाव में गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के कारण यह कपड़े पहनता ही नहीं है तथा खाने को भी तवज्जो नहीं देता है। इस व्यक्ति को इस समय सबसे ज्यादा इलाज की जरूरत है। इसके लिए अभी तक कोई आगे नहीं आया है, ऐसे में यहां मानवता तार-तार होती दिख रही है।