Edited By Updated: 25 May, 2016 08:56 PM
पूर्व परिवहन मंत्री और धर्मशाला के पूर्व विधायक किशन कपूर ने स्मार्ट सिटी की घोषणा होने के तुरंत बाद हिमाचल सरकार और स्थानीय विधायक एवं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
धर्मशाला: पूर्व परिवहन मंत्री और धर्मशाला के पूर्व विधायक किशन कपूर ने स्मार्ट सिटी की घोषणा होने के तुरंत बाद हिमाचल सरकार और स्थानीय विधायक एवं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कपूर ने पत्रकार वार्ता में ताबड़तोड़ हमले करते हुए कहा कि धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दिया है। इसमें वीरभद्र सरकार और मंत्री सुधीर शर्मा का कोई रोल नहीं है।
कपूर ने कहा कि जब तक केंद्र में यूपीए की सरकार थी और हिमाचल के खाते से वीरभद्र सिंह व आनंद शर्मा जैसे लोग केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल थे, तब क्यों नहीं कोई ऐसी घोषणा हुई। जब पूर्व में प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल आए थे, तभी उन्होंने यह ऐलान कर दिया था कि धर्मशाला में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और केंद्र सरकार इस इलाके को नई ऊंचाइयां देने के लिए तोहफ ा देगी। इसी के मद्देनजर स्मार्ट सिटी का तोहफा मोदी सरकार ने दिया है।
कपूर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भी हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज दिया था और बाद में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसको खत्म कर दिया था। कपूर ने कहा कि कांग्रेस की यह फि तरत रही है कि वह भाजपा द्वारा करवाए गए कामों का लाभ उठाने में लगी रहती है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि हाल की में केंद्र सरकार की तरफ से सड़कों के रख-रखाव के लिए 15 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार उस परियोजना के कार्यों को रोक रही है। कांग्रेस सिर्फ झूठी वाहवाही लूटने का काम कर रही है।
त्रियुंड के लिए रोप-वे को मना करना सरकार की नालायकी
पत्रकार वार्ता में किशन कपूर ने त्रियुंड में रोप-वे के प्रोजैक्ट को न लगाना सरकार की नाकामी बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने बयान जारी किया था कि त्रियुंड में रोप-वे नहीं लगाया जाएगा। त्रियुंड में रोप-वे प्रोजैक्ट को न लगाने के लिए जो तर्क सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं कि रोप-वे लगाने से त्रियुंड में गंदगी फैलेगी और पर्यावरण को नुक्सान होगा। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध स्विटजरलैंड में भी रोप-वे लगाए गए है लेकिन वहां पर तो कोई नुक्सान नहीं हुआ तथा इससे सरकार की नालायकी सिद्ध होती है।