Edited By Updated: 08 Dec, 2016 04:45 PM
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले एक बार फिर दो दिग्गजों में गुटबाजी और तनाव का माहौल शुरू हो चुका है।
शिमला (विकास शर्मा): हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले एक बार फिर दो दिग्गजों में गुटबाजी और तनाव का माहौल शुरू हो चुका है। हाल ही में राज्य कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पार्टी के अहम पदों में कई फेरबदल किए थे इनमें से एक वीरभद्र सिंह के विधानसभा चुनाव क्षेत्र शिमला ग्रामीण में भी किया गया था।
शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष केहर सिंह खाची वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी होने के बाबजूद इस पद से हटा दी गए थे। इसी के चलते अब एक बार फिर कांग्रेस में कोहराम छिड़ चुका है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस संगठन को मजबूत करने का फैसला बताते हुए ये भी कह रहे हैं कि इस बाबत मुख्यमंत्री को 3 महीने पहले ही सूचित कर दिया गया था, हो सकता है वो भूल गए हों।
उधर अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के इस कदम को एक बार फिर वीरभद्र सिंह गलत करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि न ही उन्हें इस फैसले के बारे में सुक्खू ने उनसे कभी पूछा और ना ही कभी इस बाबत उन्हें सूचित किया। वीरभद्र सिंह सुखविंद्र सिंह सुक्खू को लेकर अपना गुस्सा नहीं छुपा पाए और उन्होंने उन्हें कांग्रेस पार्टी के संविधान के क्षेत्र में रहकर काम करने की नसीयत दे डाली।