यहां सरकारी स्कूलों में हो रही गैर-कानूनी ढंग से वसूली

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Sep, 2017 04:12 PM

unauthorized recovery from students studying in government schools

उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रही है।

धर्मशाला : उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रही है। उपनिदेशक जिला कांगड़ा उच्च शिक्षा कार्यालय द्वारा खेलों के लिए बनाई गई एसोसिएशन को दान देने के लिए स्कूलों को आधिकारिक आदेशों के मुताबिक 9वीं और 10वीं कक्षा के प्रत्येक विद्यार्थी से 30 रुपए दान की राशि वसूल की जा रही है। गौरतलब है कि स्कूलों में विद्यार्थियों से पहले ही स्पोर्ट्स फंड वसूला जाता है और यह दान की राशि इस फंड से तकरीबन दोगुनी है। यह सारा मामला आर.टी.आई. के माध्यम से सामने आया है।

10वीं के विद्यार्थियों से 30 रुपए सालाना वसूली
जानकारी देते हुए आर.टी.आई.कार्यकर्ता अतुल भारद्वाज ने बताया कि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों से तानाशाही रवैये से गैर-कानूनी ढंग से वसूली कर रहा है। जिस स्पोर्ट्स डोनेशन फंड की वसूली विभाग कर रहा है, वह स्वैच्छिक तरीके से होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शिक्षा उपनिदेशक ने 30 अप्रैल, 2016 को इस आशय का एक पत्र जिला के सभी स्कूलों को जारी किया। तब से लेकर अब तक स्कूलों में इस फंड के तहत 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों से सालाना 30 रुपए वसूले जा रहे हैं। यह राशि जिला स्कूल अनुवाद करें स्पोर्ट्स एसोसिएशन जोकि हिमाचल स्कूल स्पोर्ट्स  एसोसिएशन से संबंधित है, को देने की बात कही गई है। अतुल भारद्वाज ने इस सारे मामले में हिमाचल स्कूल स्पोर्ट्स एसोसिएशन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाया है। उन्होंने पूछा है कि एसोसिएशन ने कितनी राशि ग्रांट व डोनेशन के रूप में सरकार से प्राप्त की है और अन्य स्रोतों जैसे विद्यार्थियों, शिक्षकों और विभागीय कर्मचारियों से कितनी राशि प्राप्त की, इसे सार्वजनिक किया जाए। 
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