Edited By Updated: 14 May, 2017 02:24 PM
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पहली से 8वीं तक के छात्रों को फेल न करने के निर्णय के साइड इफैक्ट अब धीरे-धीरे सामने ...
रिवालसर : हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पहली से 8वीं तक के छात्रों को फेल न करने के निर्णय के साइड इफैक्ट अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। परीक्षा में असफल न होने का डर खत्म होने के चलते छात्र परीक्षा देने में लापरवाह हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार छात्र प्राइमरी स्तर पर परीक्षा के उस दबाव को महसूस नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते पूर्ण तैयारी करके परीक्षा दी जाती थी व सफलता व असफलता के दबाव के चलते छात्र आगे चल कर कड़ी मेहनत को तैयार होते थे। इसी तरह की बानगी रिवालसर स्कूल के 10वीं के परीक्षा परिणाम में देखने को मिली है, जहां 84 छात्रों में से मात्र 31 छात्र परीक्षा पास कर सके हैं, वहीं गणित व विज्ञान विषयों में अधिकतर छात्र बहुत कमजोर साबित हुए हैं। 16 छात्रों को गणित में कंपार्टमैंट आई है। इस तरह के परीक्षा परिणाम के चलते छात्रों के अभिभावक खासे निराश हैं।
जल्द होगी स्कूल प्रशासन के साथ बैठक
अभिभावक गवर्धन, किशन चंद, तोता राम, खूब राम, मनोज व खेम सिंह ने कहा कि इस बार 10वीं का परीक्षा परिणाम बेहद निराशाजनक है व अधिकतर छात्र गणित व विज्ञान में असफल हुए हैं, जोकि बहुत ङ्क्षचताजनक विषय है। अभिभावकों का मानना है कि जल्द ही शिक्षा बोर्ड को पहली से 8वीं तक फेल न करने की अपनी नीति को वापस लेना चाहिए ताकि छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करके उनका बौद्धिक विकास हो सके। उधर, एस.एम.सी.अध्यक्ष नरोत्तम राम ने कहा कि इस बार का 10वीं का परीक्षा परिणाम बेहद चिंताजनक है व अधिकतर छात्र गणित व विज्ञान में असफल हुए हैं। इस बारे जल्द ही स्कूल प्रशासन के साथ बैठक कर कारणों का पता किया जाएगा व कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।