फिजियोथैरेपिस्ट की मौत मामले पर परिजनों ने उठाए ये सवाल, कहा-CBI करे जांच

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Oct, 2017 07:22 PM

these question raised by relatives on the physiotherapist death case

क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट ज्योति ठाकुर ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी एक सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है।

बिलासपुर: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट ज्योति ठाकुर ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी एक सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है। यह बात मृतका के पिता राम चंद ठाकुर, भाई आशीष ठाकुर व माता सिमरो देवी ने बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने बताया कि इस मामले को सुलझाने के लिए गठित की गई एस.आई.टी. जांच के नाम पर केवल मामले को दबाने का प्रयास ही कर रही है। उन्होंने कहा कि गुडिय़ा केस की तरह इस मामले में भी एस.आई.टी. सिर्फ लीपापोती ही कर रही है। डेढ़ माह बीत जाने के बावजूद मामले को नहीं सुलझाए जाने से लगता है कि इस मामले के असली दोषी को बचाने का प्रयास पुलिस प्रशासन कर रहा है। 

मकान का दरवाजा खोलने और फोटो वायरल करने वाला नहीं हुआ गिरफ्तार 
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक ज्योति ठाकुर के किराए के मकान का दरवाजा खोलने वाले और ज्योति का फोटो वायरल करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। रात को 10 बजे ज्योति का नियमों को ताक पर रखकर पोस्टमार्टम किया गया और उस दौरान भी वहां पर ज्योति के मकान का दरवाजा खोलने वाला व्यक्ति मौजूद था। ज्योति के पोस्टमार्टम में उसकी मौत का कारण दम घुटना बताया गया है तथा उसके शरीर पर 5 जगह चोट के निशान पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक फोरैंसिक रिपोर्ट नहीं आई है जिससे लगता है कि इस मामले को जानबूझ कर लंबा खींचा जा रहा है। 

मामले की जांच सी.बी.आई. से कारवाने की मांग 
उन्होंने सारे मामले की जांच सी.बी.आई. से करवाने की मांग की है ताकि ज्योति को न्याय मिल सके। उन्होंने बताया कि ज्योति के किराए के मकाने से एस.आई.टी. को एक लैपटॉप व एक डायरी मिली है। पुलिस डायरी में लिखी बातों के आधार पर कह रही है कि उसने आत्महत्या की है जबकि यह डायरी वर्ष 2016 की है और अगर उसे आत्महत्या करनी होती तो वह इस डायरी के मुताबिक 8 माह बाद क्यों आत्महत्या करती। उन्होंने बताया कि ज्योति के पर्स से एक मोबाइल का बिल मिला है जोकि किसी और के नाम का है। इस बिल के मुताबिक 2 फोन खरीदे गए थे। पुलिस किस कारण आज तक ज्योति के मकान मालिक और ज्योति की मौत के बाद हर जगह पाए गए व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति उन पर इस केस को वापस लेने का दबाव बना रहा है। उन्होंने मांग की कि पुलिस इस मामले में अब तक हुई जांच को सार्वजनिक करे ताकि सच्चाई जगजाहिर हो सके।

बिटिया फाऊंडेशन करेगी परिजनों का सहयोग
वहीं बिटिया फाऊंडेशन की अध्यक्ष सीमा सांख्यान व अद्र्धनारीश्वर समाजसेवा की अध्यक्ष बिजली महंत ने भी ज्योति के परिजनों को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि ज्योति को न्याय दिलवाने के लिए सोमवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर से लेकर डी.सी. कार्यालय तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी पुलिस प्रशासन नींद से न जागा तो सड़कों पर उतरकर न्याय की जंग लड़ी जाएगी। इस अवसर पर अधिवक्ता रजनीश शर्मा, ज्योति के भाई रिषभ ठाकुर व गोल्डी भी मौजूद रहे। 

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