Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Sep, 2017 04:26 PM
जान जोखिम में डालकर 250 बच्चों की जान बचाने वाली इस टीजीटी शिक्षक मीना चंदेल को टीचर्स डे पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया है।
मंडी: जान जोखिम में डालकर 250 बच्चों की जान बचाने वाली इस टीजीटी शिक्षक मीना चंदेल को टीचर्स डे पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया है। दिल्ली में हुए कार्यक्रम के दौरान मीना चंदेल को यह अवार्ड मिला। इससे पहले उन्हें 2015 में भी राज्य स्तरीय अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
250 बच्चों की बचाई थी जान
बताया जाता है कि मीना हिमाचल के मंडी जिला के गर्ल्स स्कूल में पढ़ाती है। साल 2008 में जब गर्ल्स स्कूल मंडी में 6वीं से 8वीं तक मिड-डे मील की लांचिंग की जा रही थी तो अचानक सिलेंडर ने आग पकड़ ली। टीचर मीना ने बहादुरी दिखाते हुए सिलेंडर को उठाकर कमरे से बाहर फेंककर आग पर काबू पाया। सिलेंडर फटने से तो बच गया लेकिन वह खुद आग की चपेट में आ गई। जहां जोनल अस्पताल में उनका 3 दिन तक इलाज चलता रहा। वहीं उनकी इस बहादुरी से 250 बच्चों की जान बच गई।
20 साल से तराश रही एनसीसी कैडेट्स
20 साल से एनसीसी ऑफिसर के रूप में कार्य कर रही हैं। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए मीना ने सराहनीय कार्य किया है। 'बेटी बचाओ अभियान' में वह खुद एक मिसाल है। वह अपनी बेटियों को बेटों से बढ़कर मानती हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। उनके पति प्रकाश चंदेल डाक विभाग में सब पोस्ट मास्टर हैं। बता दें कि 20 सालों से वह एनसीसी कैडेट्स को भी तराश रही हैं। उसके नेतृत्व में एनसीसी कैडैट्स 26 जनवरी और 15 अगस्त की राष्ट्रीय परेड में भी हिस्सा ले चुकी हैं।