Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Jun, 2017 02:29 PM
सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में लगता है कि आई सर्जन की कोई आवश्यक्ता नहीं है।
सोलन: सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में लगता है कि आई सर्जन की कोई आवश्यक्ता नहीं है। यहां 2-2 आई सर्जन होने के बावजूद भी आंखों के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। पिछले 2 वर्षों से यहां एक भी आंख का ऑपरेशन नहीं हो पाया है। जिसके चलते लोग परवाणु, शिमला या फिर पी.जी.आई. जा रहे हैं। क्षेत्रीय अस्पताल की बात करें तो यहां से करीब 2 वर्ष पहले आई सर्जन का तबादला नाहन हो गया था। इससे पहले यहां पर ऑपरेशन होते थे लेकिन इसके बाद यह पद काफी दिनों तक खाली रहा। बाद में यहां 2 आई सर्जन भेजे गए लेकिन फिर भी कोई फायिदा नहीं हुआ। लोग यहां ओ.पी.डी. में आते तो जरूर हैं लेकिन उन्हें यहां आंखों की जांच के अलावा कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। एक सर्जन तैयार करने व प्रतिमाह वेतन आदि पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं और यह पैसा जनता के खून-पसीने का ही होता है। सर्जन तैनात होने पर भी अगर जनता को सेवाएं न मिल पाएं तो इसे अस्पताल प्रशासन की नाकामी ही माना जाएगा।
क्या कहते हैं लोग
सोलन निवासी प्रदीप, दिपेश, राजेंद्र, वरुण, केवल राम व अमित का कहना है कि उन्हें अपने माता-पिता को मोतिया के ऑपरेशन के लिए परवाणु और शिमला ले जाना पड़ा क्योंकि यहां तो इलाज नहीं होता।
ऑपरेशन क्यों नहीं हो सकते
ई.एस.आई. अस्पताल परवाणु में क्या इससे बेहतर सुविधाएं हैं, जवाब शायद नहीं में होगा। अब यहां जनता को मिल रही सुविधाओं की बात करें तो प्रतिदिन 100 से अधिक की ओ.पी.डी. है। प्रत्येक दूसरे दिन करीब 15-20 आंखों के ऑपरेशन किए जाते हैं। यहां पूरे हिमाचल से लोग आते हैं और इतनी भीड़ होती है कि मरीजों को 6 से 8 महीने बाद की डेट देनी पड़ती है। ऐसे में यहां आंखों के ऑपरेशन क्यों नहीं हो सकते हैं।