Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 07:27 PM
शिमला जिला के रामपुर में सतलुज नदी किनारे से अवैध रूप रेत निकालने वाले नेपाली मजदूरों को वन विभाग के कर्मियों ने इस कदर पीटा की देखने वालो के रौंगटे खड़े हो गए।
रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): शिमला जिला के रामपुर में सतलुज नदी किनारे से अवैध रूप रेत निकालने वाले नेपाली मजदूरों को वन विभाग के कर्मियों ने इस कदर पीटा की देखने वालो के रौंगटे खड़े हो गए। जब वन विभाग की टीम द्वारा नेपाली मजदूरों की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो चारों ओर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने लगे। बताया जा रहा है कि इस तरह पिटाई का यह पहला मामला नहीं है, विभाग के कर्मी कई बार इस वारदात को अंजाम देते आए हंै। पूर्व में भी नेपाली मूल की महिलाओं से वन कर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया है।
शर्मनाक और अमानवीय है घटना
उधर, सामाजिक और मजदूर संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह कृत्य शर्मनाक और अमानवीय है। सीटू संगठन ने मांग की है कि उन वन कर्मियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। सीटू के जिला अध्यक्ष बिहारी सेवगी ने बताया कि वायरल हुए वीडियो की जांच पड़ताल के बाद पता चला की वन कर्मी नेपाली मजदूरों को बुरी तरह से पीट रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों ने कानून को अपने हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि अगर अपराध मजदूरों ने किया है तो उन पर प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी। उन्होंने वन कर्मियोंके खिलाफ कार्रवाईकी मांग की है।
वीडियो सही हुआ तो वन कर्मियों पर होगी कार्यवाही
उधर, वन मुख्य अरण्य पाल अनिल ठाकुर ने संपर्क करने पर बताया कि वायरल हुए वीडियो की जांच करेंगे अगर सही हुआ तो प्रावधानों के तहत वन कर्मियों पर कार्यवाही होगी।