Edited By Updated: 26 Apr, 2017 05:15 PM
जहां सरकार शहीदों को हर मान-सम्मान देने का दावा करती है वहीं शहादत में कांगड़ा जिला का एक भी मंत्री शहीद संजय कुमार को श्रद्धा सम्मान अर्पित करने नहीं पहुंची।
पालमपुर (राणा): जहां सरकार शहीदों को हर मान-सम्मान देने का दावा करती है वहीं शहादत में कांगड़ा जिला का एक भी मंत्री शहीद संजय कुमार को श्रद्धा सम्मान अर्पित करने नहीं पहुंची। कहने तो प्रदेश सरकार में कांगड़ा से 4-4 मंत्री हैं लेकिन शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए एक भी मंत्री नहीं पहुंचा। सिर्फ भाजपा के पूर्व विधायक ने दाह संस्कार में पहुंचकर शहीद को सलामी दी। शहीद के परिजनों में रोष है और ये सवाल भी कि जब सरकार के मंत्री शहीद के दाह संस्कार में भी नहीं पहुंच सकते तो फिर उसके मान-सम्मान की बात कहां से करेंगे।
भाई की शहादत को मिलना चाहिए सम्मान
पालमपुर के साथ लगते गांव चचियां के संजय कुमार ने दो दिन पहले छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में शहादत को गले लगाया है। मंगलवार शाम को शहीद संजय कुमार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद के भाई विजय शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है, यहां पर चार मंत्री हैं और अंतिम समय पर कोई भी नहीं आया। जबकि प्रशासन यहां पर पहुंच गया। उन्होंने कहा है कि उनके भाई ने शहादत को गले लगाया है और उनकी शहादत को सम्मान मिलना चाहिए। ताकि उनकी शहादत बेकार न जाए।
हरियाणा सरकार ने शहीदों को 50 लाख मुआवजा देने की बात की
उन्होंने कहा है कि जिस तरह हरियाणा सरकार ने शहीदों को 50 लाख मुआवजा देने की बात की है उसी तरह हिमाचल सरकार को भी कोई कदम उठाना चाहिए। क्योंकि शहीद संजय की दो बेटियां हैं और कमाने वाला अकेला वह ही था जो कि अब इस दुनिया में नहीं है। सरकार को इस परिवार की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि, जहां हमला हुआ था वहां पर आर्मी या सीआरपी का कैंप तैयार करें, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं पर रोक लगे।