Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Sep, 2017 12:16 PM
किलर गेम ब्लू व्हेल का कहर मासूमों की जान पर भारी पड़ता देख अब स्कूल प्रबंधकों ने भी एडवाइजरी जारी की है।
पालमपुर (भृगु): किलर गेम ब्लू व्हेल का कहर मासूमों की जान पर भारी पड़ता देख अब स्कूल प्रबंधकों ने भी एडवाइजरी जारी की है। स्कूली बच्चों के इस गेम के जाल में फंसकर जान गंवाने की घटनाओं के सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधकों ने यह कदम उठाया है। बच्चे इस गेम के आत्मघाती जाल में न फंसें इसे लेकर पेरैंट्स को एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी के माध्यम से माता-पिता व अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि वे बच्चों पर नजर रखें तथा उनकी दिनचर्या व व्यवहार में यदि बदलाव दिखता है तो इसका कारण पता लगाने का प्रयास करें। यही नहीं बच्चे जब भी मोबाइल, आई-पैड, कम्प्यूटर ऐप, स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स का उपयोग करें तो उन पर पूरी निगरानी रखें। पुलिस पहले ही इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर चुकी है। विदित रहे कि शिमला के ठियोग के 5वीं कक्षा के छात्र द्वारा कुछ दिन पूर्व कथित रूप से ब्लू व्हेल गेम के कारण आत्महत्या जैसा पग उठाने का मामला प्रदेश में सामने आ चुका है।
गेम के आखिरी दिन उकसाया जाता है आत्महत्या को
ब्लू व्हेल चैलेंज गेम एक इंटरनैट खेल है जिसका कई देशों में होने का दावा किया जा रहा है। खेल कथित तौर पर एक श्रृंखला में होते हैं जिसमें खिलाडिय़ों को करने हेतु 50 दिन की अवधि में कई कार्य आबंटित किए जाते हैं। इस खेल में अंतिम चुनौती में खिलाड़ी को आत्महत्या करने को उकसाया जाता है। 50 दिन तक यह गेम मानसिक रूप से खेलने वालों को उत्तेजित करती है और अलग-अलग तरह के टास्क देता रहता है। आखिर में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है।
बच्चे का लगातार प्रात: सवा 4 बजे उठना है गेम खेलने का मुख्य लक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार कोई बच्चा यह गेम खेल रहा है या नहीं यह जानना अधिक कठिन नहीं है। माता-पिता व अभिभावकों की निगरानी से इस बारे में पता लगाया जा सकता है। यदि बच्चा 50 दिन लगातार प्रात: सवा 4 बजे उठ जाए। उसके शरीर में कोई न कोई चोट का निशान बना हो। इस प्रकार के लक्षण इंगित करते हैं कि हो सकता है कि आपका बच्चा ब्लू व्हेल गेम खेल रहा है।