Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Sep, 2017 01:46 AM
प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह हलफनामे के माध्यम से कोर्ट को बताएं कि इस वित्त वर्ष में वितरण के लिए दवाओं की खरीद पर कितना पैसा खर्च किया गया है।
शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह हलफनामे के माध्यम से कोर्ट को बताएं कि इस वित्त वर्ष में वितरण के लिए दवाओं की खरीद पर कितना पैसा खर्च किया गया है। शपथ पत्र में यह भी बताना होगा कि क्या डाक्टर मरीजों को दवा लिखते समय मुफ्त वितरण के लिए खरीदी गई दवाएं लिखते हैं या नहीं। क्या डाक्टर मुफ्त दवाइयों की उपलब्धता बारे मरीजों को जानकारी देते हैं। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा है कि सरकार द्वारा वितरण के लिए खरीदी गई दवाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। जनता को इस बारे सूचित करने के लिए सरकार क्या तरीके अपना रही है। क्या दवाओं के वितरण संबंधी विस्तृत जानकारी जनता के ध्यान में लाने हेतु साइन बोर्ड उपयुक्त स्थान पर लगाए गए हैं। दवा वितरण में कोताही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ क्या स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जनहित से जुड़े इस मामले में प्रधान सचिव आयुर्वेदा व डायरैक्टर आयुर्वेदा को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें भी उपरोक्त बिंदुओं पर अपना-अपना हलफनामा दायर करने के आदेश दिए। मामले पर सुनवाई 11 सितम्बर को होगी।