Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Nov, 2017 03:48 PM
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की सेंट्रल विवि में ज्यादा सैलरी देने वाला मामला सामने आया है। विवि के रजिस्ट्रार रिटायर्ड ब्रिगेडियर जेसी रांगड़ा को पिछले दो वर्षों से सीयू प्रशासन ज्यादा सैलरी दे रहा था। जांच में इस बात का पता चलने के बाद केंद्रीय सरकार ने...
कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की सेंट्रल विवि में ज्यादा सैलरी देने वाला मामला सामने आया है। विवि के रजिस्ट्रार रिटायर्ड ब्रिगेडियर जेसी रांगड़ा को पिछले दो वर्षों से सीयू प्रशासन ज्यादा सैलरी दे रहा था। जांच में इस बात का पता चलने के बाद केंद्रीय सरकार ने 3,12,394 रुपए की राशि वसूलने के लिए केंद्रीय विवि को फरमान जारी कर दिया है।
किया गया था पत्राचार
वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक इस तरह की गलती सीयू का वित्त विभाग करता रहा। इस मसले को लेकर वित्त विभाग रांगड़ा से लगातार पत्राचार कर रहा था। सैलरी ज्यादा दिए जाने को लेकर वित्त विभाग कई बार सीयू के वीसी को लिख चुका था।
दो साल तक अधिक सैलरी
सीयू से निलंबित किए गए पूर्व वित्त अधिकारी बीआर धीमान का कहना है कि रांगड़ा नियुक्ति के बाद दो साल तक नियमों के विपरीत अधिक सैलरी वसूल करते रहे। उन्होंने बताया कि इस बात का पता ऑडिट के दौरान लगा था। जैसे ही मामला उजागर हुआ था केंद्र सरकार ने यूजीसी को इसकी जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए थे। अधिक राशि की वसूली के लिए फरमान भी जारी हुए थे। कंप्ट्रोलर ऑडिटर जनरल ने भी ऑडिट में रजिस्ट्रार से रिकवरी करने के निर्देश दिए थे।
कोई पत्राचार नहीं किया
इस मामले में केंद्रीय विवि के रजिस्ट्रार जेसी रांगड़ा ने कहा कि वित्त अधिकारी ने कोई पत्राचार नहीं किया है। वित्त अधिकारी ने वीसी या केंद्रीय जनसूचना अधिकारी को इस मामले पर लिखा होगा। रांगड़ा ने बताया इस मसले पर मैंने सीयू के वीसी के समक्ष पेश हुआ था। वीसी कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि जल्द उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। केंद्रीय विवि के वित्त अधिकारी डा.ॅ एचआर शर्मा का कहना है कि उन्होंने पिछले 6 माह में रिकवरी के लिए रजिस्ट्रार को दो बार पत्र के जरिए आगाह किया है।