उच्च शिक्षा के लिए रोजाना 10 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर बच्चे

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Sep, 2017 03:58 PM

children forced to walk 10 kilometers daily for higher education

सड़कें किसी भी क्षेत्र की जीवन रेखाएं मानी जाती हैं और किसी भी स्थान के विकास को...

चुवाड़ी : सड़कें किसी भी क्षेत्र की जीवन रेखाएं मानी जाती हैं और किसी भी स्थान के विकास को सड़क सुविधा, स्वास्थ्य सेवाओं की हर गांव तक पहुंच व अच्छी शिक्षा व्यवस्था के रूप में देखा जाता है परंतु इस क्षेत्र के अंतर्गत हाथीधार के काथलू, छतरील व बड़ीधार आदि ऐसे गांव हैं जो अभी भी इन सुविधाओं से वंचित रहकर विकास की दृष्टि से कोसों दूर हैं। इन गांवों में अभी भी प्राथमिक तक की शिक्षा का ही प्रबंध है और उच्च शिक्षा के लिए रोजाना बच्चों को 10 किलोमीटर चढ़ाई वाला पैदल रास्ता तय करके जाना पड़ता है। इन पैदल रास्तों की हालत इस कदर दयनीय है कि इन पर चलना-फिरना भी मुश्किल हो रहा है तथा वन विभाग द्वारा वर्षों पहले आने-जाने के लिए जो सड़कें बनाई थीं वे भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी हैं। 

क्या हैं लोगों का कहना
लोगों का कहना है कि बीमार व वृद्ध व्यक्तियों को भी अपने इलाज के इन्हीं उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरकर चुवाड़ी, साहला व लाहडू आदि स्थानों पर आना पड़ता है और वापिस अपने घर तक पहुंचने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है और कई बार तो बेहद कमजोर मरीजों को पीठ पर उठाकर दूर सड़क तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी पड़ती है। लोगों का कहना है कि उनके गांवों में वाहन न जाने कब पहुंचेंगे परंतु आने-जाने के लिए इन पैदल रास्तों के रखरखाव पर अभिलंब ध्यान दिया जाना चाहिए। 

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