Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Jul, 2017 07:35 PM
बैरा-स्यूल पावर प्रोजैक्ट व एन.एच.पी.सी. के खिलाफ भाजपा जिला महामंत्री जय सिंह की अगुवाई में प्रभावित किसानों ने डी.सी. कार्यालय चम्बा के परिसर में जमकर नारेबाजी की।
चम्बा : बैरा-स्यूल पावर प्रोजैक्ट व एन.एच.पी.सी. के खिलाफ भाजपा जिला महामंत्री जय सिंह की अगुवाई में प्रभावित किसानों ने डी.सी. कार्यालय चम्बा के परिसर में जमकर नारेबाजी की। माहौल उस समय बेहद गंभीर बन गया जब भाजपा जिला महामंत्री की अगुवाई में प्रभावित किसानों ने डी.सी. चम्बा को अपना शिकायत पत्र सौंपने के लिए डी.सी. कक्ष का रुख किया तो डी.सी. चम्बा ने उन्हें नारेबाजी करने से मना किया जिस पर जय सिंह ने इसे लोकतंत्र के अधिकार पर अंकुश लगाने की बात कही। डी.सी. चम्बा ने कहा कि चूंकि डी.सी. कार्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है तो ऐसे में उनके खिलाफ धारा 144 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। डी.सी. चम्बा का इतना कहना था कि जय सिंह ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि प्रभावित व प्रताडि़त तथा जरूरतमंद लोगों को जिला प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखने का पूरा हक है। कुछ देर तक चली इस बहसबाजी के कारण कक्ष का माहौल गर्मा गया।
बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत करवाया
स्थिति को भांपते हुए कक्ष में बैठे कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों ने बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत करवाया। जिला भाजपा महामंत्री जय सिंह ने बताया कि डी.सी. को सौंपे शिकायत पत्र में यह जानकारी दी गई है कि हर वर्ष बरसात के मौसम में बैरा-स्यूल पावर स्टेशन अपने बांध का पानी छोड़ता है जिसके कारण जलस्तर बढऩे से सुरंगानी पंचायत के किसानों की भूमि जलमग्र हो जाती है। यह स्थिति हर वर्ष किसानों के समक्ष मुंह उठाकर खड़ी हो जाती है लेकिन किसानों की जमीन को बचाने तथा उन्हें अब तक पहुंचे नुक्सान का मुआवजा देने के प्रति एन.एच.पी.सी. ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। ऐसे में जिला प्रशासन प्रभावित किसानों को एन.एच.पी.सी. से मुआवजा दिलाए तो साथ ही बांध के दोनों तरफ मौजूद कृषि योग्य भूमि को कटाव से बचाने के लिए निगम को उचित व्यवस्था करने के निर्देश जारी करे।
यह मामला ध्यान में लाया गया है जिस पर पूरे मामले की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी और उसके आधार पर ही अगली कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा।
सुदेश मोख्टा, डी.सी., चम्बा