Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Jul, 2017 12:54 PM
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2001 में स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी मैट्रिक कक्षा की माक्र्सशीट...
हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2001 में स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी मैट्रिक कक्षा की माक्र्सशीट को फेक बताते हुए एक इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इंटरव्यू में बैठे पैनल के मुंह से ये शब्द सुनकर महिला अभ्यर्थी सकपका कर रह गई क्योंकि जिस माक्र्सशीट को जाली बताया गया, उसे स्वयं बोर्ड ने ही ईश्यू किया है। ऐसा जिला कांगड़ा की जमानाबाद निवासी प्रियंका कुमारी के साथ हुआ है। जानकारी के अनुसार माक्र्सशीट जब ईश्यू हुई तो उस समय बोर्ड प्रबंधन की लिपिकीय गलती के कारण माक्र्सशीट पर शिक्षा बोर्ड के सचिव के हस्ताक्षर तो किए गए थे मगर उस पर शिक्षा बोर्ड सचिव की मोहर नहीं लगाई गई थी जिस कारण यह सारा मामला सामने आया। हालांकि बोर्ड प्रबंधन ने सारे मामले से पल्ला झाड़ते हुए भुगतभोगी को इस माक्र्सशीट की डुप्लीकेट कॉपी लेने के लिए अब इसकी पुलिस थाना में एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर इसे मुहैया करवाने की हिदायत भी दे डाली।
शिक्षा बोर्ड ने ही साक्षात्कार में बाहर की अभ्यर्थी
जानकारी के अनुसार जिला कांगड़ा के जमानाबाद निवासी प्रियंका कुमारी ने 80 प्रतिशत अंक लेकर वर्ष 2001 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। हैरानी इस बात की कि पिछले साल इस होनहार छात्रा ने स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा विज्ञापित लिपिक के पद पर आवेदन किया था, जिसमें उसने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। जब वह बोर्ड द्वारा बनाए पैनल में साक्षात्कार देने गई तो उसकी माक्र्सशीट को जाली बता दिया गया।