संवेदनशील क्षेत्र की बीट में हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी, वन विभाग अनजान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Feb, 2018 09:45 PM

axe on the green trees in sensitive area forest department unaware

वन मंडल चम्बा के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत चांजू की सुंदरी बीट के सैहणी जंगल में अवैध कटान का मामला सामने आया है।

चम्बा: वन मंडल चम्बा के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत चांजू की सुंदरी बीट के सैहणी जंगल में अवैध कटान का मामला सामने आया है। इस कार्य को अंजाम देने वाले वन विभाग से इस कदर बेखौफ हैं कि उन्होंने जंगल में अवैध कटान के रूप में बची पेड़ों की जड़ों को जलाना तक शुरू कर दिया है लेकिन वन विभाग है कि मूकदर्शक बना हुआ है। पुख्ता जानकारी के अनुसार इस कार्य को टी.डी. की आड़ में अंजाम दिया जा रहा है। उधर, वन विभाग की मानें तो उसे इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वन विभाग की इस बात का अगर विश्वास किया जाए तो यह बात नि:संदेह चिंताजनक है। लोगों का कहना है कि विभाग अगर इस प्रकार से ही मूकदर्शक बना रहता है तो नि:संदेह आसमान को छूते हुए व तन के खड़े प्रतीत होने वाले यहां के जंगलों में मौजूद देवदार के पेड़ों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

अवैध कटान के मामले में संवेदनशील माना जाता है क्षेत्र
जानकारी अनुसार वन विभाग ने चांजू क्षेत्र को अवैध कटान के मामले में संवेदनशील सूची में रखा हुआ है। इसका सीधा मतलब यह है कि यहां पर मौजूद पेड़ों को बचाने के लिए वन विभाग को विशेष सतर्कता दिखानी होगी लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत नजर आती है। यही वजह है कि यहां अवैध कटान के मामलों का सामने आना पिछले कुछ वर्षों से लगातार जारी है। 

बारीकी से जांच हो तो अवैध कटान की निकलेगी भरमार
सूत्रों की मानें तो अगर वन विभाग पूरी ईमानदारी से इस बीट के दायरे में आने वाले जंगल टोपी, डम्म, मुंडीबेही, दुआरी, कांदलोठ, बंजोठ व सैहणी की संघन जांच करे तो भारी संख्या में अवैध कटान के मामले सामने आ सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिला चम्बा में सुॢखयों में आए एहलमी अवैध कटान के बाद यह मामला सबसे बड़ा अवैध कटान से जुड़ा होने का रूप धारण कर सकता है। 

वन रक्षकों के अनुपस्थित रहने के लगते रहे हैं आरोप
क्षेत्र के लोगों से जब इस बारे बात की जाती है तो उनका साफ कहना होता है कि जब वन रक्षक अपने कार्यक्षेत्र से अनुपस्थित रहेगा तो वनों की रक्षा कैसे संभव होगी। लोगों का कहना है कि कुछ वर्ष पूर्व तो यहां के जंगल दूसरे क्षेत्रों के वन रक्षकों पर आश्रित रहे, क्योंकि लंबे समय तक यहां वन रक्षक का पद रिक्त चला रहा। जब यह पद भरा गया तो यह देखने में आया कि यहां तैनात होने वाले वन रक्षक यहां पर कम ही नजर आते हैं। लोगों का कहना है कि जब क्षेत्र में वन रक्षक मौजूद नहीं होगा तो खुले आसमान के तले खुली पड़ी इस वन संपदा को हर कोई लूटने का प्रयास करेगा। 

क्या कहते हैं सुंदरी बीट के वन रक्षक
सुंदरी बीट के वन रक्षक सुदेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर जब सुंदरी बीट के जंगलों में सर्च आप्रेशन चलाया गया तो ऐसा कुछ नहीं पाया गया। जहां तक आधे कटे पेड़ों के जले होने की बात है तो पिछले दिनों जंगल में आग लगी थी, शायद उस वजह से पुराने बचे हुए आधे कटे पेड़ उसकी भेंट चढ़ गए होंगे। जहां तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की बात है तो यह बात सही नहीं है क्योंकि मंैने अपनी बीट के जंगल के ठीक सामने ही निजी स्तर पर क्वार्टर रखा हुआ है। मैं अपने कार्य को पूरी सक्रियता व ईमानदारी के साथ अंजाम दे रहा हूं। 

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