Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Dec, 2017 11:06 AM
हिमाचल के चुनावों में तमाम तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद भाजपा गुजरात में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में नाकाम दिख रही है। यही हथकंडे हिमाचल के साथ-साथ गुजरात के चुनावी नतीजे भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित होंगे।
सुजानपुर: हिमाचल के चुनावों में तमाम तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद भाजपा गुजरात में अपनी राजनीतिक जमीन बचाने में नाकाम दिख रही है। यही हथकंडे हिमाचल के साथ-साथ गुजरात के चुनावी नतीजे भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित होंगे। यह बात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने प्रैस बयान में कही। उन्होंने कहा है कि अगर गुजरात सचमुच में विकास का मॉडल है तो फिर विधानसभा चुनावों में भाजपा नेताओं को सांप्रदायिक मुद्दों के सहारे की जरूरत क्यों पड़ी।
गुजरात में गली-गली घूमने के लिए मजबूर हुए PM सहित यह नेता
उन्होंने कहा कि किस लिए प्रधानमंत्री मोदी जी सहित उनका समूचा मंत्रिमंडल और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री गुजरात में गली-गली घूमने के लिए मजबूर हुए। राणा ने कहा कि गुजरात में 22 साल के शासनकाल की उपलब्धियों को जनता के सामने रखने की बजाय प्रधानमंत्री मोदी जी चुनाव प्रचार में बाबर, खिलजी और पाकिस्तान का राग क्यों अलापते रहे और गुजरात में किसानों-बेरोजगार युवाओं के हितों की चर्चा करने से क्यों परहेज करते रहे, यह देश की जनता जानना चाहती है।
गुजरात की जनसभाओं में मोदी जी ने दिए ऐसे बयान
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी भी राज्य के विधानसभा चुनावों के प्रचार में ज्यादा से ज्यादा 1 या 2 दिन का वक्त ही दिया होगा। लेकिन देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी जी अपने ही गृह राज्य गुजरात में लगातार डेरा डाले रहने के लिए मजबूर क्यों हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुजरात की जनसभाओं में जिस तरह के बयान दिए, उससे देश की जनता हतप्रभ है। राणा ने कहा कि अगर भाजपा नेताओं को अपने गुजरात के विकास मॉडल पर इतना ही भरोसा है तो वे इन चुनावों में इतनी घबराहट में क्यों नजर आए हैं।