हाईकोर्ट के आदेश पर कसोल में 22 अवैध होटल निशानदेही के लिए चिन्हित

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 12:51 AM

22 illegal hotel marked for in kasol on high court order

हाईकोर्ट के आदेशों पर पार्वती घाटी के कसोल में वीरवार को 22 होटलों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशानदेही के लिए चिन्हित किया गया।

कुल्लू: हाईकोर्ट के आदेशों पर पार्वती घाटी के कसोल में वीरवार को 22 होटलों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशानदेही के लिए चिन्हित किया गया। इन सभी होटलों व अन्य भवनों के वन भूमि पर पाए जाने की आशंका है। अभी और होटलों व अन्य भवनों की सूची भी तैयार की जा रही है। कसोल में विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम के साथ तहसीलदार भुंतर ने इन भवनों को चिन्हित करने की प्रक्रिया निपटाई। कसोल में निशानदेही के लिए होटलों को चिन्हित किए जाने की प्रक्रिया से कारोबारियों में हड़कंप मचा है। 

एस.डी.एम. कुल्लू की अध्यक्षता में हुई थी 60 होटलों की जांच
बता दें कि कु छ दिन पहले एस.डी.एम. कुल्लू सन्नी शर्मा की अध्यक्षता में कसोल गई टीम ने 60 होटलों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के दस्तावेजों को जांचा था। इस दौरान 44 होटलों, गैस्ट हाऊस, रेस्तरां, अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालक अपने सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। इसके अगले दिन 2 भवन मालिकों ने दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। प्रशासन ने 42 होटलों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अवैध घोषित कर इनके बिजली-पानी के कनैक्शन काट दिए। इनमें कइयों के वन तो कइयों के लोक निर्माण विभाग की भूमि पाए जाने की आशंका है। इसी आशंका के चलते अब ऐसे 22 भवनों को निशानदेही के लिए चिन्हित किया गया है। दूसरी ओर कटागला व छलाल में भी बुधवार को अवैध होटलों व गैस्ट हाऊसों के दस्तावेज जांचे गए हैं। अन्य इलाकों में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। 

कुल्लू-मनाली के 1700 होटलों के खिलाफ खोली गई जांच
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर भी कुल्लू-मनाली के 1700 होटलों के खिलाफ जांच खोली गई है। इसके लिए भी पैनल गठित किया गया है। उपमंडल स्तर पर निपटाई जाने वाली इस जांच में भी कई गड़बडिय़ां पाए जाने की आशंका है। चर्चा है कि यदि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट कड़ा रुख न अपनाते तो अब तक सारी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हो चुके होते। पार्क, सड़क, रास्ते, सरकारी भवन या अन्य सार्वजनिक स्थलों के निर्माण के लिए जगह तक न बचती। लोगों में चर्चा है कि हाईकोर्ट को सड़कों को लेकर भी इसी तरह के कड़े आदेश जारी करने चाहिए और सड़कों के किनारे हुए अवैध कब्जों को हटाने की मुहिम चलानी चाहिए। अवैध कब्जों से सड़कें तंग हो गई हैं और इससे सड़क हादसे हो रहे हैं तथा आम निरीह लोग काल का ग्रास बन रहे हैं। 

सड़कों से भी हटें अवैध कब्जे
पार्वती घाटी के लोगों व एम.वी.वी.एम. के अध्यक्ष भाग चंद और ग्रीन हिमालयन वैल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष सुदर्शन ठाकुर ने कहा कि भुंतर-मणिकर्ण सड़क पर भी कई जगह अवैध कब्जे हैं। छरोड़ नाला सहित कई जगहों पर अवैध कब्जाधारियों ने लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिगृहीत जमीन पर भी अवैध कब्जे कर रखे हैं, जिससे सड़क सिकुड़ गई है और हादसे हो रहे हैं। उच्च न्यायालय को सड़कों के किनारे से अवैध कब्जों के सफाए के लिए आदेश जारी करने चाहिए, ताकि लोग अकाल मृत्यु का शिकार न बने और वन भूमि पर अवैध कब्जे भी हटने चाहिए। 

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