Edited By Updated: 26 Sep, 2016 09:51 AM
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न शिक्षक संगठनों ने मुख्याध्यापकों की संख्या और गलत आंकड़ों को आधार बनाकर एक संघ द्वारा लगातार ...
हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश में विभिन्न शिक्षक संगठनों ने मुख्याध्यापकों की संख्या और गलत आंकड़ों को आधार बनाकर एक संघ द्वारा लगातार शिक्षा विभाग व सरकार अगर 25 हजार कुछ लोगों की ब्लैकमेलिंग और दबाव में आकर टी.जी.टी. कैडर के विरुद्ध कोई निर्णय लेते हैं तो उसका समुचित जवाब दिया जाएगा।
विज्ञान अध्यापक संघ के अध्यक्ष अजय शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज पाल सिंह परिहार, महासचिव अमृत महाजन, पदोन्नत प्रवक्ता संघ के पदाधिकारियों विजय गौतम, केवल सिंह व अमरनाथ, मुख्याध्यापक अधिकारी संवर्ग संघ के उधम सिंह गुलेरिया व प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के पदाधिकारियों सुरेश पन्याली, सुरेश कुमार व बलदेव कलमी ने संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि जो लोग पहले से ही ज्यादा कोटा ले रहे हैं, वे अपनी संख्या के बारे में भी गलत जानकारी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इनमें से आधे प्रवक्ता या प्रशिक्षित स्नातकोत्तर शिक्षक टी.जी.टी. कोटे से ही मुख्याध्यापक बने रहे हैं और वे अपने आपको टी.जी.टी. कैडर में जोड़ते हैं। उन्होंने रोष जताया कि कुछ लोग भ्रामक व तर्कहीन तरीका अपनाकर अपनी सुविधानुसार केवल मुख्याध्यापकों की संख्या की तुलना अपने कैडर की कुल संख्या जिसमें से आधे पदोन्नत टी.जी.टी. ही हैं, से गलत रूप से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी भ्रामक प्रचार व गलत तथ्यों के आधार पर टी.जी.टी. के 60 प्रतिशत कोटे को घटाकर 50 प्रतिशत किया गया है मगर जब समूचे टी.जी.टी. कैडर ने तथ्यों से प्रदेश सरकार को अवगत करवाया था तो सरकार ने अपनी गलती मानते हुए भरोसा दिया था कि इसकी भरपाई मुख्याध्यापकों के पदों में बढ़ौत्तरी करके की जाएगी, जिसमें मिडल स्कूलों के 2,692 पद भी शामिल थे, जिनका आज कोई पता-ठिकाना नहीं है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई कि लैक्चरार/पी.जी.टी. प्रधानाचार्यों का कोटा 50:50 के अनुपात में होना चाहिए तथा प्रारंभिक शिक्षा को पूर्ण रूप से लागू करते हुए सभी जमा 2 स्कूलों में मुख्याध्यापकों के पद सृजित किए जाएं।