अद्भुत! यहां 400 साल पुरानी हवेली में बंद मूर्ति में उगते हैं बाल

Edited By Vijay, Updated: 09 Sep, 2018 11:27 PM

wonderful here locked statue in 400 year old mansion

देवभूमि हिमाचल में कई ऐसे ऐतिहासिक प्राचीन स्थल हैं जहां पर अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। कहीं पर देवी-देवताओं के रथ हवा में उड़ते दिखाई देते हैं तो कहीं पर मूर्ति को देखने वाले लोग अंधे हो जाते हैं।

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल में कई ऐसे ऐतिहासिक प्राचीन स्थल हैं जहां पर अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं। कहीं पर देवी-देवताओं के रथ हवा में उड़ते दिखाई देते हैं तो कहीं पर मूर्ति को देखने वाले लोग अंधे हो जाते हैं। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में एक ऐसा छोटा सा गांव खंगसर है जहां पर राजा की करीब 400 साल पुरानी हवेली में बौद्ध अनुयायी की मूर्ति एक कमरे में ताला लगाकर रखी गई है। माना जाता है कि इस मूर्ति में दैवीय चमत्कार के कारण बाल उग जाते हैं।

लद्दाख से उड़कर आई है मूर्ति
यह मूर्ति लद्दाख से उड़कर आई है। कहा जाता है कि जी चूले मेला रेवा बौद्ध अनुयायी की मूर्ति कहीं उड़ कर दोबारा लद्दाख न चली जाए इसलिए हवेली के कमरे में उसे बंद रखा गया है। इस मूर्ति के दर्शन दुर्लभ हैं। ऐतिहासिक हवेली में 108 कमरे हैं। इन कमरोंं में एक ऐसा कमरा भी है जहां पर अंग्रेजों के शासन काल में लाहौल-स्पीति के लोगों ने सबसे पहले हिंदी भाषा की शिक्षा ग्रहण की थी। इलाके के लोग विद्वान न बनें जिस कारण राजा ने स्कूल को स्थानांतरित कर पट्टन घाटी में स्थापित किया।

राजा प्रताप सिंह ठाकुर यहीं से चलाते थे तोद घाटी की सियासत  
कहते हैं कि यहां के राजा प्रताप सिंह ठाकुर लाहौल-स्पीति के तोद घाटी की सियासत यहीं से चलाते थे, जिसकी सीमा सुदूर लेह-लद्दाख तक फैली हुई थी। इस हवेली को बनाने का उद्देश्य यहां के लोगों को भीषण सर्दी और हमलावरों से बचाना था। इस हवेली में प्रवेश करने का केवल एक ही दरवाजा है और हवेली के बीचोंबीच एक खुला कमरा है जहां पर राजा सभा का आयोजन करता था।

सबसे ऊपर कमरे में जा सकते थे राजा के परिवार
ऐतिहासिक हवेली में सबसे ऊपर वाली मंजिल में एक ऐसा कमरा है भी है जहां प्राचीन समय में केवल राजा के परिवार के अलावा अन्य किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी। राजा ज्यादातर समय इसी कमरे में बिताते थे और आज भी इस कमरे में राजा और उनके परिवार के फोटो देखे जा सकते हैं।

मेला रेवा के गुरु ने बनाईं थीं 11 मूर्तियां
लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रवि ठाकुर ने बताया कि खंगसर में 400 साल पुरानी हवेली है जिसमें 108 कमरे हैं। यह मेरे परिवार की हवेली है। हमारे पूर्वज बीड़ भंगाल में रहते थे, जो पोल खानदान से संबंध रखते थे, यहां आकर हवेली का निर्माण किया था। उस समय पूरा राज्य सरचू से थिरोट तक और बातल से लेकर रोहतांग तक फैला था। इस हवेली के एक कमरे में मेला रेवा की मूर्ति विद्यमान है। मेला रेवा एक गुरु थे उन्होंंने एक जन्म ही बोधी सत्व प्राप्त किया था, उनके गुरु ने 11 मूर्तियां बनाई थीं जिसमें से एक हवेली में है, जिसमें बाल उग जाते हैं। इस मूर्ति के दर्शन दुर्लभ हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!