Edited By Vijay, Updated: 16 Oct, 2019 07:03 PM
करवाचौथ पर सुहागिनें 8.15 बजे चांद का दीदार कर सकेंगी। करवाचौथ पर इस बार बहुत अच्छा संयोग बन रहा है। नई नवेली दुल्हनों और पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए यह करवाचौथ अच्छा माना जा रहा है।
शिमला (तिलक राज): करवाचौथ पर सुहागिनें 8.15 बजे चांद का दीदार कर सकेंगी। करवाचौथ पर इस बार बहुत अच्छा संयोग बन रहा है। नई नवेली दुल्हनों और पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए यह करवाचौथ अच्छा माना जा रहा है। महिलाएं इसका उद्यापन भी कर सकती हैं। ज्योतिषों की मानें तो पहली बार करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत अच्छा है।
इस बार करवाचौथ पर बृहस्पति और शुक्र का अच्छा संयोग बन रहा है। इसके साथ चतुर्थी भी पड़ रही है और यह भगवान गणेश को समर्पित है। इन सभी योगों के एक साथ होने से यह व्रत अत्यंत लाभकारी हो जाता है। पंडित बृजलाल शास्त्री ने कहा कि करवाचौथ पर सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। महिलाओं को सुबह उठकर संकल्प लेना होगा। शाम को व्रत की पूजा की जाएगी, वहीं महिलाएं एक-दूसरे को सरगी देती हैं।
वहीं बुधवार को दिन भर महिलाओं ने बाजार में जमकर खरीदारी की। मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं ने पहले से ही एडवांस बुकिंग कर रखी थी। महिलाओं ने कहा कि वे इस मौके पर सुबह उठकर तैयार होकर सरगी खाती हैं व पूरा दिन व्रत रखकर चांद के निकलने की राह ताकती हैं। शाम के समय वह पूजा कर एक-दूसरे को सर्गी देती हैं। शाम को चांद का दीदार कर वह अपना व्रत तोड़ती हैं।