शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन भी विपक्ष का WalkOut

Edited By kirti, Updated: 13 Dec, 2019 04:49 PM

तपोवन में शीतकालीन सत्पांर के 5वें दिन प्रश्नकाल शान्तिपूर्ण ढंग से चला। प्रश्नकाल के बाद तीन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव हुए। सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। इसी बीच उद्योग मंत्री ने हिमाचल प्रदेश शुक्ष्म लघु, एवम मध्यम उद्यम(स्थापना एवम प्रचालन...

धर्मशाला/शिमला(योगराज): तपोवन में शीतकालीन सत्पांर के 5वें दिन प्रश्नकाल शान्तिपूर्ण ढंग से चला। प्रश्नकाल के बाद तीन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव हुए। सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। इसी बीच उद्योग मंत्री ने हिमाचल प्रदेश शुक्ष्म लघु, एवम मध्यम उद्यम(स्थापना एवम प्रचालन सरलीकरण विधेयक ) 2019 प्रस्तुत किया। जिस पर विपक्ष ने अपना विरोध दर्ज किया। विपक्ष के साथ सीपीआईएम के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने भी विरोध दर्ज किया और सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष के विरोध के बावजूद बिल पारित कर दिया गया। विपक्ष का आरोप है कि इससे हिमाचल में पूंजीवादी जमीन खरीदेंगे। विपक्ष हिमाचल ऑन सेल की जो बात करता रहा है वह सही साबित हो रही है। विपक्ष इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष बेवजह इस पर हल्ला कर रहा है। इस बिल से हिमाचल के लघु एवं मध्यम उद्योगों को फायदा मिलेगा। विपक्ष ने पहले इस पर आपत्ति दर्ज नहीं की अब जब सदन में बिल रखा तो विपक्ष हल्का कर रहा है। इस बिल से न केवल प्रदेश में निवेश बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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शिमला में गाड़ियों की संख्या डेढ़ से पोन दो लाख पहुंची

हिमाचल में भी दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगी है। प्रदेश की राजधानी शिमला में गाड़ियों की संख्या डेढ़ से पोन दो लाख पहुंच चुकी है। पार्किंग मात्र दस है। जिनमें 30 हज़ार गाड़ियों के खड़े होने की जगह है। ये मामला शीतकालीन सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने उठाया। 40 फीसदी गाड़ियां सरकारी विभागों की है। कार पूलिंग के सिस्टम से विधानसभा सदस्य अपने से शुरुआत करें। सरकारी अफसर के बच्चों को गाड़ियों में ढोया जा रहा है। इस पर रोक लगाने की जरूरत है। जबाब में वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने माना कि हिमाचल में वायु व ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। क्योंकि प्रदेश में लगातार वाहन बढ़ रहे हैं। 1991में प्रदेश में लगभग 3523 दो पहिया वाहन थे जो अब बढ़कर 8 लाख 78 हजार 480 तक पहुंच चुके है। 1991 में चार पहिया वाहन 10073 वाहन थे जो अब 13 लाख 88 हज़ार 690 हो चुके हैं। सरकारी क्षेत्र में भी वाहनों की संख्या बढ़ी है। इसलिए अब समय आ गया है कि जनप्रतिनिधियों को ही पहल करनी होगी। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने ऊपरी शिमला में पुलों की स्थिति पर मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण किया। जबकि धनी राम शांडिल ने सोलन नगर परिषद की आमदनी का मामला उठाया। अंत मे नियम 130 के तहत प्रदेश में महिला उत्पीड़न के मामलों की बढ़ती संख्या पर सदन विचार करेगा। ये प्रस्ताव विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री द्वारा लाया गया।


 

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