शिमला में 40 वर्षों के बाद गूंजेगी Christ Church में लगी Warning Bell की आवाज

Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2019 08:32 PM

voice of warning bell in the christ church echoed in shimla

राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित क्राइस्ट चर्च में लगी ऐतिहासिक बैल की आवाज एक बार फिर राजधानी में गुजेंगी। 40 वर्षों बाद राजधानी के लोगों और यहां आने वाले पर्यटकों को यह आवाज ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च से आती हुई सुनाई देगी।

शिमला (तिलक राज): राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित क्राइस्ट चर्च में लगी ऐतिहासिक बैल की आवाज एक बार फिर राजधानी में गुजेंगी। 40 वर्षों बाद  राजधानी के लोगों और यहां आने वाले पर्यटकों को यह आवाज ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च से आती हुई सुनाई देगी। क्रिसमस के दिन इस बैल को चर्च में प्रार्थना सभा के आधा घंटा पहले बजाया जाएगा और इसकी धुन न केवल रिज मैदान बल्कि शिमला तारघर तकसुनाई देगी। इस वार्निंग बैल से अलग-अलग सुर सुनाई देंगे।
PunjabKesari, Christ Church Image

चंडीगढ़ से लाए गए हैं कुछ पार्ट्स

चर्च के फादर मोहन लाल का कहना है कि मिस्टर विक्टर डीन इस बैल को ठीक कर रहे हैं। उन्होंने अपना पूरा समय इस बैल को ठीक करने में लगाया हुआ है। इस बैल के जो पार्ट्स गुम हो गए थे उन्हें नए सिरे से बनाया गया है और जो पुराने पार्ट्स खराब हो गए थे उन्हें दोबारा से ठीक किया गया है। इसके साथ ही इसे पेंट कर इसमें नया हैमर, वायर और रस्सा लगाया गया है। यह बैल एक या दो दिन में पूरी तरह से ठीक हो जाएगी, जिसके बाद इसे चर्च में बजाया जाएगा। इस बैल के कुछ पार्ट्स चंडीगढ़ से लाए गए हैं और कुछ पार्ट शिमला में ही बनाए गए हैं। इस बैल का लकड़ी का सांचा भी नया बनाकर तैयार किया गया है।
PunjabKesari, Father Mohan Lal Image

40 वर्षों से नहीं हुए ठीक करने के प्रयास

उन्होंने कहा कि 40 वर्षों से इस बैल को ठीक करने को लेकर कोई प्रयास नहीं हो पाए और इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया जिसकी वजह से इस बैल की आजाव चर्च और शिमला में नहीं सुनाई दी। उन्होंने कहा कि इस बैल को ठीक करने के बाद 25 दिसम्बर को चर्च में होने वाली प्रार्थना सभा से ठीक आधा घंटा पहले बजाया जाएगा और इसके बाद हर रविवार को यह बैल चर्च में बजाई जाएगी। इस बैल के बजने से लोगों को इस बात की जानकारी मिल सकेगी की चर्च में प्रार्थना सभा शुरू होने वाली है। इस बैल में 6 पाइपें लगी हैं, जिसमें से 6 सुर निकलते हैं और इसे हाथों से रस्सा खींच कर बजाया जाता है। इस बैल को पहले जहां क्रिसमस व न्यू ईयर की शुरूआत पर रात 12 बजे बजाने के साथ ही प्रार्थना सभा के शुरू होने से पहले बजाया जाता था। पुराने समय में इस बैल की आवाज तारादेवी ओर छोटा शिमला तक आती थी लेकिन अब यह शायद संभव नहीं हो पाएगा।

150 साल पुरानी है वार्निंग बैल

बता दें कि शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च में 150 साल पुरानी वार्निंग बैल लगी है। ब्रिटिश काल में जब इस चर्च का निर्माण हुआ था तो उस समय इस बैल को इंगलैंड से यहां लाया गया था। जब यह बैल शिमला लाई गई थी तो उसके बाद 1982 तक लगातार इसकी आवाज ऐतिहासिक चर्च और राजधानी शिमला में गूंजती थी लेकिन उसके बाद किसी तकनीकी खामी के चलते यह बैल खराब पड़ी थी और इसे बजाया नहीं जा रहा था । बीते 40 वर्षों से न इसे ठीक किया गया और न ही इसे ठीक करने को लेकर कोई प्रयास किए गए थे। अब इस बैल को शिमला के ही निवासी मिस्टर विक्टर डीन ठीक कर रहे हैं। इन्होंने इस बैल के पूरे सिस्टम को स्टडी करने के बाद ही इसे ठीक करने का काम शुरू किया है।

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