यहां बढ़ जाएं मरीज तो स्ट्रेचरों पर होता है Emergency Ward में इलाज (Watch Pics)

Edited By Vijay, Updated: 20 Jun, 2018 06:38 PM

treatment of patients on stretchers in emergency ward

यूं तो क्षेत्रीय अस्पताल जिला का सबसे बड़ा अस्पताल है लेकिन इसका एमरजैंसी वार्ड बेहद छोटा है। महज 6 बैड से बनाया गया यह अत्याधुनिक एमरजैंसी वार्ड यदा-कदा ही फुल रहता है और मरीजों को फटाफट अन्य वार्डों में शिफ्ट कर दिया जाता है।

ऊना (विशाल): यूं तो क्षेत्रीय अस्पताल जिला का सबसे बड़ा अस्पताल है लेकिन इसका एमरजैंसी वार्ड बेहद छोटा है। महज 6 बैड से बनाया गया यह अत्याधुनिक एमरजैंसी वार्ड यदा-कदा ही फुल रहता है और मरीजों को फटाफट अन्य वार्डों में शिफ्ट कर दिया जाता है। मरीजों की बाढ़ और बिस्तरों की कमी के चलते चिकित्सकों सहित स्टाफ भी परेशान हो जाते हैं। नए मरीजों को लिटाने के लिए पुराने मरीजों को मजबूरी में शिफ्ट करना पड़ जाता है। अत्याधुनिक एमरजैंसी वार्ड को बने काफी अर्सा हो गया है लेकिन जरूरत के हिसाब से इसको दोबारा अपग्रेड नहीं किया जा रहा है और न ही बैडों की संख्या बढ़ पाई है।
PunjabKesari

एक-एक बैड पर 2-2 मरीजों का इलाज
बुधवार को भी एमरजैंसी वार्ड में एमरजैंसी जैसे हालत दिखाई दिए। 6 में से 5 बैड पर 2-2 मरीज लिटाए गए थे, जिनका एक साथ इलाज किया जा रहा था। हालात ये हो गए थे कि एक महिला मरीज को स्ट्रेचर पर ही लिटाकर उसका इलाज किया जा रहा था। जिला के सबसे बड़े अस्पताल के लगभग सबसे छोटे एमरजैंसी वार्ड में बैडों की कमी हर किसी के लिए परेशानियों का सबब बनी रहती है।
PunjabKesari

बढ़ाने की बजाय घटाई बैडों की संख्या
पूर्व में रही साधारण एमरजैंसी वार्ड में लगभग 12 बैड हुआ करते थे लेकिन वह भी रोगियों की तादाद के सामने छोटे पड़ जाते थे लेकिन बाद में क्षेत्रीय अस्पताल में पुराने एमरजैंसी वार्ड को बदल कर नए अत्याधुनिक एमरजैंसी वार्ड का निर्माण किया गया और नई अत्याधुनिक मशीनरी को मरीजों की सुविधा के लिए लगाया गया लेकिन इस अत्याधुनिक एमरजैंसी वार्ड में बैडों की संख्या बढ़ाने की बजाय कम करते हुए 6 कर दी गई।
PunjabKesari

मुख्य गेट से एमरजैंसी वार्ड काफी दूर
अस्पताल का एमरजैंसी वार्ड मुख्यद्वार से काफी दूर है। मुख्यद्वार से मरीज को एमरजैंसी वार्ड तक ले जाने के लिए तीमारदारों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस वार्ड के निर्माण के दौरान वार्ड के सामने ही एक दरवाजा रखा गया था ताकि एंबुलैंस सहित अन्य वाहन एमरजैंसी कक्ष के सामने लगाकर मरीजों को जल्द से जल्द एमरजैंसी वार्ड तक पहुंचाया जाए। इस दरवाजे को सही आकार में बड़ा करने की बजाय इस पर भी ताला लटका दिया गया।
PunjabKesari

दुर्घटना या आपात स्थिति में भी छोटा पड़ जाता है वार्ड
जिला में काफी बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। धार्मिक स्थलों को जाने वाले बड़े वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं और काफी संख्या में श्रद्धालु घायल होते हैं, जिन्हें आपातकालीन कक्ष में लाया जाता है। तब भी बैडों की कम संख्या मरीजों को उपचार देने के आड़े आती है। बड़ी दुर्घटना के समय भी मरीजों को स्ट्रेचरों पर ही इलाज दिया जाता है। यह समस्या काफी समय से आ रही है लेकिन इस व्यवस्था को सुधारने के लिए अब तक कोई भी कदम नहीं उठा गया है।


कम स्टाफ और जगह की समस्या आ रही आड़े : सी.एम.ओ.
कार्यकारी सी.एम.ओ. डा. निखिल का कहना है कि कम स्टाफ और कम जगह की समस्या आड़े आ रही है, जिसके चलते योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


बैडों की संख्या बढ़ाने के लिए करेंगे निरीक्षण : सत्ती
वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती का कहना है कि पूर्व में भाजपा कार्यकाल में ही अत्याधुनिक वार्ड के लिए 65 लाख रुपए मंजूर हुए थे और उसी के चलते अत्याधुनिक वार्ड का निर्माण हुआ था। बैडों की संख्या बढ़ाने के लिए वार्ड का निरीक्षण किया जाएगा और यथचित कदम उठाए जाएंगे।


उच्च स्तर तक उठाया जाएगा मुद्दा : रायजादा
सदर विधायक सतपाल रायजादा का कहना है कि क्षेत्रीय अस्पताल में आपातकालीन सुविधाएं बढ़ाने के लिए कदम उठाने जरूरी हैं। अस्पताल की दुर्दशा को लेकर वह पहले भी आवाज उठाते रहें है और अब भी इस मुद्दे को उच्च स्तर तक उठाया जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!