हिमाचल के इस पुस्तकालय को 47 साल बाद मिलेगा आशियाना

Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Jul, 2017 01:43 AM

this library of himachal will be got own building after 47 years later

करीब 47 वर्ष तक दूसरों के रहमोकरम पर बदहाल हालत में दम तोड़ रहे जिला पुस्तकालय को अपना अशियाना मिलेगा।

हमीरपुर: करीब 47 वर्ष तक दूसरों के रहमोकरम पर बदहाल हालत में दम तोड़ रहे जिला पुस्तकालय को अपना अशियाना मिलेगा। बाल स्कूल हमीरपुर के सामने शिक्षा विभाग की जमीन पर 6 करोड़ की लागत से भवन का निर्माण किया जा रहा है। भवन निर्माण का कार्य वर्ष 2015 के दिसम्बर माह से शुरू हो चुका है तथा वर्ष 2017 के अंत तक भवन निर्माण का कार्य पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वर्तमान समय में जिला पुस्तकालय में 35000 पुस्तकें  हैं। वर्तमान समय में जिला पुस्तकालय में 884 सदस्य हैं, जिनमें से 250 एक्टिव सदस्य हैं। पुस्तकालय में युवा सदस्यों की संख्या ज्यादा है वहीं उम्रदराज लोगों की संख्या में कमी आई है, जबकि उर्दू के पाठक विरले ही हैं। पुस्तकालय में ज्यादातर युवा पीढ़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते हैं। 

ई-ग्रंथालय से मिलेगी हर पुस्तक की जानकारी
पुस्तकालय द्वारा ई-ग्रंथालय के लिए सरकार से मांग की गई है, परंतु ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर में खराबी होने से यह अभी तक सरकार द्वारा हमीरपुर जिला पुस्तकालय को मुहैया नहीं करवाया गया है। ई-ग्रंथालाय जिला पुस्तकालय विभाग को कैटेलॉग बनाने में सहायता करेगा। इसके माध्यम से सारी पुस्तकों का ब्यौरा क म्प्यूटर पर ही उपलब्ध हो जाएगा और पुस्तकों को काऊंटर में जाकर खंगालने की जरूरत नहीं रहेगी।

वर्तमान में सुविधाएं कम, समस्याएं अपार
वर्तमान समय में यहां पर बैठने की काफी परेशानी है परंतु नए भवन के बनने के बाद यहां पर काफी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ पाएंगे। वर्तमान समय में पुस्तकालय 2 कमरों में चल रहा है। इससे पहले वहां पर एक ही कमरा हुआ करता था, जिससे पाठकों को वहां पर बैठ कर पढऩे में काफी परेशानी होती थी। पुस्तकालय प्रभारी को भी वहां पर पुस्तकों को सही तरीके से रखने में काफी परेशानी आती थी, परंतु दूसरा कमरा मिलने से पुस्तकों को कुछ हद तक सही ढंग से रखने में काफी सहूलियत मिली है। दिन-प्रतिदिन पुस्तकों में इजाफा हो रहा है तो ऐसे में नए भवन का बनना काफी अच्छा है।

वर्ष 1970 में हमीरपुर को मिला था अपना पुस्तकालय
हमीरपुर जिला पुस्तकालय की स्थापना 1970 में हुई थी। वहीं यहां पर पुस्तकालय ने सुचारू रूप से काम करना 1975 में शुरू किया। उस समय पुस्तकालय के लिए 1422 पुस्तकों का एक बंडल आया था। उन पुस्तकों को अभी भी जिला पुस्तकालय में एक अलग अलमारी में संभाल कर रखा गया है। उनमें से कुछ बड़ी ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थीं। पुस्तकालय में हर महीने राजा राम मोहन राय पुस्तकालय कोलकाता से हर महीने पुस्तकें आती हैं, जिनमें हिंदी तथा अंग्रेजी साहित्य की पुस्तकें प्रमुख हैं।

200 रुपए में 3 साल की सदस्यता
 पुस्तकालय का सदस्यता शुल्क 200 रुपए निर्धारित किया गया है, जोकि 3 साल के लिए है। 3 साल के बाद सदस्यता को जारी रखने के लिए उसको रिन्यू करवाना पड़ता है। सदस्यता के लिए दिए गए पैसे रिफंडेबल हैं। समय-समय पर सदस्यता रिन्यू करवाने से व्यक्ति जीवन भर के लिए जिला पुस्तकालय की सदस्यता प्राप्त कर सकता है।

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