Edited By Vijay, Updated: 26 Jun, 2024 05:00 PM
![there will be a change in eco tourism policy after 8 years](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_17_00_355208526ecotourism-ll.jpg)
हिमाचल प्रदेश में सरकार व वन विभाग 8 वर्ष के बाद ईको टूरिज्म पॉलिसी में बदलाव करने जा रहे हैं। इसके तहत पॉलिसी में संशोधन किया जाएगा।
शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में सरकार व वन विभाग 8 वर्ष के बाद ईको टूरिज्म पॉलिसी में बदलाव करने जा रहे हैं। इसके तहत पॉलिसी में संशोधन किया जाएगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो नई पॉलिसी भी बनाई जा सकती है। विभागीय स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। वर्तमान ईको टूरिज्म पॉलिसी को वर्ष 2017 में बनाया गया है तथा अब विभाग इसमें बदलाव लाना चाह रहा है। ये बदलाव ईको टूरिज्म को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार किए जाएंगे। संशोधित या नई पॉलिसी में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इसके क्षेत्र में बढ़ौतरी की जाएगी। वर्तमान में ईको टूरिज्म गतिविधि 1 हैक्टेयर क्षेत्र में ही होती है। इस लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। अब ट्रैकिंग से संबंधित गतिविधियां वन विभाग भी करेगा जबकि अभी तक ट्रैकिंग की गतिविधियां पर्यटन विभाग के अधीन थीं।
इसके अलावा सैलानियों के साथ-साथ इन्हें चलाने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसी में और भी कई प्रावधान किए जाएंगे। वर्तमान में नियम कड़े होने के कारण कंपनियां व लोग ईको टूरिज्म साइटें लेने के लिए अधिक गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। कुछ माह पूर्व वन विभाग ने 13 साइटों के आबंटन के लिए निविदाएं बुलाई थीं लेकिन इनमें से केवल 2 साइटें ही आबंटित की गईं, शेष 11 साइटें या तो दो या इससे कम पार्टियों के टैंडर प्रक्रिया में भाग लेने या रुचि नहीं लेने के कारण आबंटित नहीं की जा सकी थीं। अब विभाग ने 20 ईको टूरिज्म साइटों को आबंटित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
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