बेतहाशा बढ़ी महंगाई से जनता में मची त्राही-त्राही : अभिषेक

Edited By prashant sharma, Updated: 27 Jun, 2020 03:55 PM

there was a lot of tragedy in the public due to increased inflation abhishek

कोविड-19 संकट से जूझ रही जनता पर लादे गए बेतहाशा मंहगाई के भार से आम आदमी त्राही-त्राही कर उठा है। यह बात कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

हमीरपुर : कोविड-19 संकट से जूझ रही जनता पर लादे गए बेतहाशा मंहगाई के भार से आम आदमी त्राही-त्राही कर उठा है। यह बात कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए महंगाई के नाम पर हंगामा करने वाली बीजेपी सरकार महंगाई को कंट्रोल करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। आम आदमी की गर्दन तक चढ़ चुकी महंगाई पर अब सरकार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए साफ किया है कि डीजल-पेट्रोल के दामों पर राहत देना सरकार के वश में नहीं है और सरकार से डीजल-पेट्रोल के दाम पर जनता कोई उम्मीद न रखे, न ही कोई सवाल पूछे। सरकार को सिर्फ टैक्स वसूलना है। डीजल-पेट्रोल के दामों को नियंत्रित करने में नाकाम हुई सरकार फ्यूल टैक्स वसूलने में विश्व रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। दुनिया में भारत सबसे ज्यादा फ्यूल टैक्स वसूलने वाला देश बन चुका है। अकेले डीजल-पेट्रोल पर 69 फीसदी टैक्स वसूल कर सरकार ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। 

उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल के बढ़े बेतहाशा दामों के कारण हर चीज की महंगाई आसमान छू रही है और सरकार इस महंगाई पर भ्रामक प्रचार करते हुए अंगोला, अल्जीरिया, अरब, अमेरिका, ईरान व कांगो को इस महंगाई के लिए जिम्मेदार बता रही है। विपक्ष में रहते हुए जो बीजेपी डीजल-पेट्रोल के दामों पर आए दिन हंगामा करती थी, वही बीजेपी अब अपनी जिम्मेदारी से भागती हुई कह रही है कि दामों को कम करना सरकार के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई व महामारी के बीच फंसे देश में अब आम आदमी को जीने के लाले पड़ रहे हैं। कोरोना के कारण लाखों लोग बेरोजगार होकर घर बैठे चुके हैं। ऐसे में लगातार महंगाई का बोझ जनता पर लादने वाली सरकार कह रही है कि महंगाई के लिए वह जिम्मेदार नहीं है।

सरकार के बयानों से साफ हो चुका है कि अब जनता सरकार से कोई उम्मीद न रखे। अब देश में लालाशाही आम आदमी की कमर तोडग़ी। जबकि सरकार कह रही है कि अब महंगाई पर राहत देना संभव नहीं है। केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी डीजल-पेट्रोल पर वैट बढ़ाकर रही-सही कसर पूरी कर दी है। पिछले 21 दिनों में लगातार डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने आसमान छुआ है। जिस कारण से खाने-पीने की चीजें 20 से 25 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं और सब्जी, फलों के मंडी में उतने दाम नहीं मिल पा रहे हैं, जितना कि किराया उन्हें दुकानों तक पहुंचाने तक का लग रहा है। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि भीषण गर्मी के इस दौर में जहां पंजाब में तरबूज 3 से 5 रुपए किलो मिल रहा है, वहीं उसको हिमाचल की दुकानों तक का किराया 15 से 20 रुपए प्रति किलो लग रहा है। ऐसे में आम आदमी जीये तो कैसे जीये। कोरोना संकट में फंसी जनता की महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है और सरकार कह रही है कि महंगाई के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।
 

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