गरीब परिवारों के पक्के घर का सपना अब हो रहा साकार, प्रदेश सरकार बनी सहारा

Edited By Jyoti M, Updated: 30 Aug, 2025 04:41 PM

the dream of a permanent house for poor families is now coming true

किसी भी गरीब महिला के लिए खुद का पक्का अशियाना बनाना एक बड़े सपने से कम नहीं होता, खासकर तब जब पति का साया सिर से उठ चुका हो और परिवार का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी अकेले कंधों पर हो। मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार चलाने वाली महिलाओं के...

ऊना। किसी भी गरीब महिला के लिए खुद का पक्का अशियाना बनाना एक बड़े सपने से कम नहीं होता, खासकर तब जब पति का साया सिर से उठ चुका हो और परिवार का पालन-पोषण करने की जिम्मेदारी अकेले कंधों पर हो। मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार चलाने वाली महिलाओं के लिए पक्के घर का सपना अक्सर अधूरा ही रह जाता है। लेकिन ऐसे संघर्षमय हालात में यदि सरकार से सहायता मिल जाए, तो यह किसी वरदान से कम नहीं होता।

सरकार की मदद से सच हो पाया खुद के पक्के घर का सपना

स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से लाभान्वित हुई हरोली विधानसभा क्षेत्र के बाथड़ी गांव की 34 वर्षीय रजनी देवी कहती हैं कि बरसात के दिनों में कच्चे घर की छत से पानी टपकने से रहन-सहन में काफी दिक्कतें पेश आ रही थीं। साथ ही मकान गिरने का भय बना रहता था। लेकिन प्रदेश सरकार से मिली मदद से अब उनकी चिंता दूर हो गई है। उनका परिवार बहुत खुश है कि सरकारी मदद से अब उनका पक्के मकान का सपना साकार हुआ है।

रजनी देवी बताती हैं कि पति के गुजर जाने के बाद जिंदगी काफी चुनौतियों ने भर गई थी। मनरेगा में काम करके बच्चों के पालन पोषण और घर चलाने में काफी दिक्कतों से जुझना पड़ रहा था। ऐसे में खुद का घर बनाना कोई बड़े सपने से कम नहीं था। इसी बीच हिमाचल सरकार से पक्का मकान बनाने के लिए मिली आर्थिकी मदद ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का आभार जताया है।

ऊना में अब तक 2.85 करोड़ की मदद

जिला कल्याण अधिकारी ऊना आवास पंडित बताते हैं कि बीते दो वर्षों में जिले में इस योजना के तहत 190 मकान बनाने के लिए लगभग 2.85 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है। इससे गरीब परिवारों को अपने पक्के मकान का सपना साकार करने में मदद मिली है 

योजना की पात्रता

इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनके नाम पर भूमि पंजीकृत हो और वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अथवा अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हों। हिमाचल सरकार स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के माध्यम से ऐसे ही हजारों परिवारों के अपने पक्के मकान के सपने को साकार कर रही है। यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उन पात्र परिवारों को पक्के मकान के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास खुद की जमीन है लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें एक मजबूत छत से वंचित रखती है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गरीबों, जरूरतमंदों और वंचित तबकों के जीवन में बड़ा सुधार लाने को लगातार सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनका इस ओर विशेष जोर है कि गरीबों-वंचितों को समुचित सरकारी सहायता प्रदान की जाए। उनके दिशा निर्देशों के अनुरूप ऊना जिले में सभी पात्र लोगों को योजना में कवर करने के लिए काम किया जा रहा है।

क्या कहते हैं उपायुक्त

उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि जिले के प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक सरकार की आवासीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के अंतर्गत विशेष प्रयास किए गए हैं ताकि कोई भी योग्य परिवार इस लाभ से वंचित न रह जाए।

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