दुविधा में HRTC पीस मील वर्कर, न नीति बदली न हालात

Edited By Ekta, Updated: 17 Jul, 2018 11:14 AM

the dilemma hrtc piece mill worker

जिन कर्मचारियों की वजह से एच.आर.टी.सी की बसें बिना रुके सड़कों पर दौड़ रही हैं, उनकी जिंदगी में मानों ब्रेक सी लग गई है। यह हालात वर्तमान में एच.आर.टी.सी. में कार्यरत पीस मील कर्मचारियों के हैं। स्टाफ की कमी के चलते काम का बोझ भी ज्यादा, ड्यूटी आठ...

धर्मशाला (पूजा): जिन कर्मचारियों की वजह से एच.आर.टी.सी की बसें बिना रुके सड़कों पर दौड़ रही हैं, उनकी जिंदगी में मानों ब्रेक सी लग गई है। यह हालात वर्तमान में एच.आर.टी.सी. में कार्यरत पीस मील कर्मचारियों के हैं। स्टाफ की कमी के चलते काम का बोझ भी ज्यादा, ड्यूटी आठ घंटे, जोखिम भी पूरा, इसके बावजूद नाममात्र वेतन, वहीं पिछली सरकार के समय बदली गई पीस मील नीति को भी लागू नहीं किया जा सका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में रही कांग्रेस सरकार ने पीस मील नीति में बदलाव किया था। 


5 और 6 साल से कम करके आई.टी.आई. होल्डर के लिए 4 साल व नॉन आई.टी.आई. वालों के लिए 5 साल की नीति बनाई गई थी लेकिन अभी तक पीस मील कर्मचारियों के लिए बनाई गई इस नीति को भी अमलीजाम नहीं पहनाया गया है। प्रदेश में निगम के कर्मचारी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे हैं। निगम में नियमित कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से पीस मील कर्मचारी पर काम का बोझ दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इन्हीं कर्मचारियों की ही मेहनत का फल है कि एच.आर.टी.सी को हिम गौरव पुरस्कार से नवाजा गया है पर विडंबना देखो कि इनके लिए अब तक न तो कोई ठोस पॉलिसी बनी है और न ही इन्हें अनुबंध पर लिया गया है। 


8 घंटे ड्यूटी और सैलरी नाममात्र
उल्लेखनीय है कि पीस मील कर्मचारियों को सरकार के दायरे में 8 घंटे ड्यूटी देने के बाद भी नाममात्र वेतन दिया जा रहा है। वर्कशॉप में कर्मचारी जितना काम करेंगे, उतने ही मासिक वेतन के हिसाब से पीस मील कर्मचारियों को दिए जाते हैं। इससे साफ  जाहिर होता है कि किस कदर कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। निगम के दायरे में रहकर काम कर रहे पीस मील किसी भी कर्मचारी को वर्दी तक नसीब नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं कई बार पीस मील कर्मचारियों को गाड़ी की ब्रेक डाऊन के लिए भी जाना पड़ता है। यदि किसी पीस मील कर्मचारियों के साथ कोई घटना घटती है, तो उसकी सारी जिम्मेदारी स्वयं कर्मचारियों की ही होती है न कि निगम की।


निगम के विभिन्न डिपो में चल रहे रिक्त पद
आर.टी.आई. में मिली जानकारी के अनुसार रामपुर, धर्मशाला, नाहन, पठानकोट, देहरा डिपो में 149 पीसमील कर्मचारियों के पद रिक्त चले हुए हैं। बता दें रामपुर डिपो में मुख्य यांत्रिक का 1, बिलासपुर डिपो में वर्कशॉप मैनेजर का 1, वैल्डर के 2, कारपेंटर के 2, ब्लैकस्मिथ के 2, फिटर के 7, जेटी मोटर मैकेनिक के 7, वाशरब्वॉय के 2, कुशन मेकर का 1, यार्ड मास्टर के 2, धर्मशाला डिपो में मोटर मैकेनिक के 16 , कारपेंटर के 2, वैल्डर 2, कुशन मेकर 2, इलैक्ट्रीशियन का 1, ब्लैकस्मिथ 2 व पेंटर का 1 पद खाली है। नाहन डिपो में मुख्य यांत्रिक 2, जे.टी.ओ. का 1, मैकेनिक के 8, फिटर के 11, बैल्डर के 4, कारपेंटर के 7, ब्लैकस्मिथ 3,  टर्नर 2,  टायर मैन 7, जे.टी. मोटर मैकेनिक के 19, इलैक्ट्रीशियन के 6, वाशरब्वॉय के 8, कुशन मेकर 3, पेंटर के 2 पद रिक्त हैं। पठानकोट डिपो में कार्य प्रबंधक का 1, फोरमैन का 1, देहरा डिपो में जे.टी.ओ. का 1, मोटर मैकेनिक के 8, फीटर के 5 पद रिक्त चले हुए हैं, जिन्हें काफी लंबे समय से भरा नहीं गया है।

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