इंदौरा में आग लगने से 50 खड़पोश झोंपड़ियां राख, लाखों का नुक्सान

Edited By Kuldeep, Updated: 27 May, 2024 07:38 PM

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उपतहसील ठाकुरद्वारा के अंतर्गत पड़ती ग्राम पंचायत बसंतपुर के बेला इंदौरा में सोमवार को आग लगने से 15 प्रवासी परिवारों की 50 खड़पोश झोंपड़ियां राख हो गईं।

ठाकुरद्वारा (गगन): उपतहसील ठाकुरद्वारा के अंतर्गत पड़ती ग्राम पंचायत बसंतपुर के बेला इंदौरा में सोमवार को आग लगने से 15 प्रवासी परिवारों की 50 खड़पोश झोंपड़ियां राख हो गईं। जानकारी के अनुसार बेला इंदौरा में निरंकारी मिशन की लगभग 6 कनाल भूमि में वर्षों से 15 के लगभग उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रवासी परिवार खड़पोश झोपड़ियां बनाकर अपने परिवारों सहित रह रहे थे। सब परिवार क्षेत्र में दिहाड़ी-मजदूरी करके अपना परिवार पाल रहे थे। सोमवार दोपहर एक बजे अचानक एक झोंपड़ी में आग लगने से सारी झोपड़ियां जल कर रख हो गईं। पीड़ित परिवारों ने बताया कि रोजाना की तरह काम पर चले गए। दोपहर को एक झोंपड़ी को आग लगी और आग ने अपना भयंकर रूप धारण करते हुए सभी को अपनी चपेट में ले लिया और चंद मिनटों में देखते ही देखते सब कुछ स्वाह हो गया। इस आगजनी में कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने नूरपुर फायर स्टेशन को सूचित किया और जब सवा घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची तो कुछ भी नहीं बचा था। सूचना मिलते ही पुलिस चौकी ठाकुरद्वारा के प्रभारी चमन कुमार भी मौके पर पहुंचे और साक्ष्य जुटाए। इस आगजनी में 15 परिवारों की लगभग 10 लाख की नकदी, कई तोले सोने व चांदी के आभूषण, तमाम घरों का सामान, टीवी, फ्रिज, कूलर, पंखे, दो मोटरसाइकिल, 40 क्विंटल गेहूं सहित कपड़े भी जल गए। वहीं कई पीड़ित परिवार रोते-बिलखते हुए जले हुए सामान से अपनी नकदी और आभूषण सहित अन्य कीमती सामान तलाशते हुए नजर आए। विधायक इंदौरा मलेंद्र राजन ने कहा कि मुझे इस घटना के बारे में सुनकर अति दुख हुआ है। प्रशासन को पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने के आदेश दिए हैं।

तीन लड़कियों की शादी के लिए रखे थे पैसे व सामान
एक पीड़ित बुजुर्ग महिला ने रोते-बिलखते हुए बताया कि जून महीने उनकी दो लड़कियों व एक अन्य लकड़ी सहित तीन शादियां तय थीं। जिसके लिए तमाम सामान की खरीदारी करने के लिए परिवारों ने दो लाख रुपए रखे थे और दहेज के लिए सामान भी खरीद लिया था। सामान सहित नकद राशि भी आग की भेंट चढ़ गई।

पीड़ित परिवार बोले, बाढ़ से भी हुआ था नुक्सान, प्रशासन ने नहीं ली थी सुध
पीड़ित परिवारों ने बताया कि बीते वर्ष अगस्त में आई बाढ़ से भी उनकी खड़पोश झोंपड़ियां पानी की चपेट में आ गई थीं। सामान को तो कुछ हद तक बचा लिया था पर आशियाने पानी बहाकर ले गया था। उस समय भी स्थानीय प्रशासन ने कोई सहायता नहीं की थी।

पीड़ित परिवारों को दी जा रही है फौरी राहत
एसडीएम इंदौरा सुरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि मैं टीम को मौके पर भेज रहा हूं। पीड़ित परिवारों को रहने के लिए तिरपाल और राशन व फौरी राहत दी जा रही है। नुक्सान का आकलन करवाया जाएगा।

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