अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक

Edited By Kuldeep, Updated: 10 Dec, 2021 11:35 PM

tapovan no confidence motion pros cons controversy

प्रदेश में चार सीटों पर उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अपने आक्रामक तेवर दिखाते हुए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि सरकार में प्रदेश की जनता...

तपोवन (धर्मशाला) (जिनेश): प्रदेश में चार सीटों पर उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अपने आक्रामक तेवर दिखाते हुए सरकार के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव लाया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि सरकार में प्रदेश की जनता का विश्वास नहीं रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार चारों उपचुनाव हारी है, ऐसे में भाजपा को सरकार में बने रहने का अधिकार नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं त्याग पत्र दे देते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजकता फैली हुई है। महंगाई से प्रदेश की जनता त्रस्त है। पैट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। कांग्रेस सदस्य सीटों से खड़े होकर विरोध जताने लगे और अंत में अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान इस बात पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोक-झोंक भी हुई। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधायक राजिंद्र राणा, सुखविंद्र सुक्ख, पवन काजल, विक्रमादित्य सदन में उपस्थित नहीं थे। यद्यपि उनके हस्ताक्षर अविश्वास प्रस्ताव पर थे।

कांग्रेस नहीं जुटा पाई 23 सदस्य इसलिए प्रस्ताव अस्वीकार : परमार
इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सदन को बताया कि सुबह मुकेश अग्निहोत्री, रामलाल ठाकुर, जगत सिंह नेगी, मोहन लाल ब्राक्टा आदि कुल 7 सदस्यों की ओर से नियम 278 के तहत अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी गई थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए सदन के एक-तिहाई सदस्यों का समर्थन होना जरूरी है लेकिन विपक्षी कांग्रेस के पास 18 सदस्यों के हस्ताक्षर मौजूद हैं और अविश्वास प्रस्ताव के लिए 23 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता। विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को पर्याप्त बहुमत न होने के कारण अस्वीकार किया।

कार्रवाई भोजनावकाश तक के लिए स्थगित
जब अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष अपनी व्यवस्था दे रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सरकार पर आरोप लगाते जा रहे थे, इस बीच सभी कांग्रेस सदस्य भी सीटों से खड़े हो गए। कुछ देर बाद कांग्रेस सदस्यों की ओर से विरोध स्वरूप नारेबाजी भी की गई। शोर-शराबे के बीच में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सदन की कार्यवाही भोजन अवकाश तक के लिए स्थगित कर दी।

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