Edited By kirti, Updated: 01 Feb, 2019 04:44 PM
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 के पहले महीने में ही स्वाइन फ्लू ने शिमला में दस्तक दे दी है। शहर के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के बाद लोग दहशत के साए में आ गए हैं। अस्पताल में अब तक पहले माह में 139 मामले सामने आए है।
शिमला(राजीव) : हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 के पहले महीने में ही स्वाइन फ्लू ने शिमला में दस्तक दे दी है। शहर के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के बाद लोग दहशत के साए में आ गए हैं। अस्पताल में अब तक पहले माह में 139 मामले सामने आए है। जिनमें 44 मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। हैरान करने वाली बात यह है कि मरने वालों में से चार से लेकर 65 साल तक आयु के लोग शामिल है। ताजा मामले के तहत अस्पताल में 12 मरीजों का उपचार चल रहा है। जोकि प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हैं। जिनमें शिमला,सोलन,बिलासपुर, कुल्लू ,हमीरपुर, और मंडी जिला से आए मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए हैं । जिनका उपचार IGMC के आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है। डॉक्टर स्वाइन फ्लू के मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों को भी टेमीफ्लू की दवा दे रहे हैं।
स्वाइन फ्लू के मामले आने के बद IGMC प्रशासन ने बार-बार लोगों को वायरस के प्रति सचेत कर रहा है और लक्षण देखते ही तुरंत चिकित्सकों की सलाह लेने का आग्रह किया है। आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि है कि स्वाइन फ्लू संक्रामक H1,N1 एक वायरस है जिसका संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। ऐसे में यदि इसका इलाज समय पर नहीं मिलता है तो मरीज की मौत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।