घर के मुखिया की सड़क हादसे में टूटी रीढ़ की हड्डी, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Edited By Vijay, Updated: 10 Jul, 2019 06:17 PM

spinal cord broken in road accident

आज हम आपको एक ऐसे गरीब परिवार की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपकी आंखों से जरूर आंसू निकल आएंगे। मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला का है, जहां पर पिछले 2 वर्षों से एक गरीब परिवार को इलाज के लिए सरकार से दरकार है।

सुंदरनगर (नितेश सैनी): आज हम आपको एक ऐसे गरीब परिवार की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपकी आंखों से जरूर आंसू निकल आएंगे। मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला का है, जहां पर पिछले 2 वर्षों से एक गरीब परिवार को इलाज के लिए सरकार से दरकार है। मामला जिला मंडी के उपमंडल गोहर के चैलचौक के समीप स्थित गांव बाग का है। पीड़ित नीलमणि (33) पिछले लगभग 2 वर्षों से बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है और अपनी छोटी से छोटी जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरों पर मोहताज है।

2 वर्ष पहले सड़क हादसे में टूट चुकी है रीढ़ की हड्डी

नीलमणि आई.आर.डी.पी. परिवार से संबंध रखता है और अपने परिवार का लालन-पालन करने वाला एकमात्र व्यक्ति था लेकिन लगभग 2 वर्ष पहले एक सड़क हादसा पूरे परिवार के लिए दुखों का पहाड़ सामने लेकर आया। नीलमणि खच्चरों द्वारा सामान की ढुलाई का कार्य कर अपने परिवार का पेट पालता था। वहीं अपनी अजीविका कमाने के लिए खच्चरों सहित गाड़ी में रोहांडा जाते समय ठीठर में दुर्घटना का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में प्रभावित नीलमणि की रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) टूट गई और नीलमणि के शरीर में कोई भी हरकत होनी समाप्त हो गई।

आज तक नहीं बना विकलांगता प्रमाण पत्र

हैरान करने वाली बात यह है कि आजदिन तक नीलमणि का विकलांगता प्रमाण पत्र भी प्रशासन द्वारा नहीं बनाया गया है। नीलमणि के परिवार में पत्नी व दसवीं कक्षा में पढऩे वाला एक बेटा है। प्रभावित नीलमणि की पत्नी प्राइमरी कक्षा तक ही पढ़ी-लिखी है और गांव में मनरेगा के अंतर्गत कार्य कर अब अपने परिवार का पेट पाल रही है। दुखद बात यह है कि नीलमणि की खराब हालत के कारण परिवार के एक सदस्य को हमेशा उसके पास रहना पड़ता है। जिस दिन नीलमणि की पत्नी मनरेगा के कार्य के लिए जाती है तो उस दिन उसके बेटे को स्कूल से छुट्टी कर घर पर नीलमणि की देखभाल के लिए रुकना पड़ता है।

सुंदरनगर के एक निजी अस्पताल में चल रहा इलाज

नीलमणि का प्रारंभिक इलाज पी.जी.आई. चंडीगढ़ व आई.जी.एम.सी. में हुआ और आजकल सुंदरनगर के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। नीलमणि के घर के लिए मात्र खच्चर योग्य मार्ग ही है, जिस कारण उसे इलाज के लिए ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पीड़ित परिवार ने अपनी खराब हालत को लेकर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

क्या कहता है प्रशासन

ए.डी.सी. मंंडी आशुतोष गर्ग ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पीड़ित परिवार को लेकर जिला रैडक्रोस के अधिकारियों को तुरंत संपर्क करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। मामले की विस्तृत रिपोर्ट मंगवाकर प्रभावित परिवार को यथासंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

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