Edited By Updated: 20 Apr, 2017 06:13 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीवीआइपी कल्चर पर लगाम लगाने के मद्देनजर लाल बत्ती के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने के फैसले का असर कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में अभी से देखने को मिल रहा है।
शिमला (विकास शर्मा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीवीआइपी कल्चर पर लगाम लगाने के मद्देनजर लाल बत्ती के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने के फैसले का असर कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश में अभी से देखने को मिल रहा है। सूबे की राजधानी शिमला में वीवीआइपी कल्चर को खत्म करने वाले फैसले का जायजा लिया तो इसका मिलाजुला असर देखने को मिला। सबसे पहले हमने प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों का रिएलिटी चैक किया तो पाया कि कई आला अधिकारी अपने वाहनों पर लगी नीली बत्ती खुद ही उतार चुके थे जबकी कई अभी भी 1 मई का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि कैमरा देखते ही अधिकारियों के साथ अटैच्ड उनके सिपासिलार वाहनों पर से बत्तियां उतारने में लग गए।
अर्की के विधायक की गाड़ी पर नजर आई लाल बत्ती
इसके बाद हमारी टीम विधानसभा पहुंची जहां हमें अर्की विधानसभा क्षेत्र बीजेपी विधायक गोविंद राम की बत्ती लगी हुई गाड़ी नजर आई। हमारे वहां पहुंचते ही विधायक महोदय भी पहुंच गए और हड़बड़ाहट में उन्होंने कहा कि बुधवार रात को ही अपने चालक को गाड़ी से बत्ती उतारने को कहा था। उन्होंने बात करते-करते अपने ड्राइवर को फिर से वाहन से बत्ती उतारने को कहा। इसके बाद उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि लाल बत्ती लगाने और वीवीआइपी कल्चर को अपनाए रखने में बेशक राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को सहूलियत मिलती आई है लेकिन इससे सबसे ज्यादा परेशानी आम जनता को ही होती है।