Edited By kirti, Updated: 03 Aug, 2019 04:57 PM
अगर मां की महिमा अपरंपार है तो भक्तों की भक्ति भी अनोखी है। ऐसा ही एक उदाहरण श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दौरान मां नयना देवी के दरबार में देखने को मिला। जहां एक श्रद्धालु पंजाब के समराला से 110 किमी का सफर तयकर मां के दरबार पहुंचा है।
बिलासपुर (मुकेश) : अगर मां की महिमा अपरंपार है तो भक्तों की भक्ति भी अनोखी है। ऐसा ही एक उदाहरण श्रावण अष्टमी नवरात्रों के दौरान मां नयना देवी के दरबार में देखने को मिला। जहां एक श्रद्धालु पंजाब के समराला से 110 किमी का सफर तयकर मां के दरबार पहुंचा है।
हालांकि उसके पैरों में पट्टी बंधी थी लेकिन चेहरे पर थकान की कोई लकीर नजर नहीं आई। उसके चेहरे पर मुस्कान थी जोकि मां के जयकारे लगा रहा था। रमनदीप नाम का यह श्रद्धालु समराला का रहने वाला है। जिसने 110 किलोमीटर का लंबा सफर 36 घंटे में पूरा कर मां के दरबार हाजिरी लगाने आया है। उसका कहना है कि मां उन्हें शक्ति प्रदान करती है इस प्रकार की कठिन यात्रा करने के लिए।
वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालुओं का जत्था जोकि पंजाब के मूलापुर से पेट के बल लेटकर मां के दरबार पहुंचा। जोकि पंजाब के गांव से आए थे उनका कहना था कि वह 50 वर्षो से पेट के बल चलकर झंडा लेकर मां के दरबार में पहुंचते हैं मां उनकी मनोकामना पूर्ण करती है। ऐसा ही एक दल पंजाब के रामपुराफूल क्षेत्र से आया जोकि बड़े-बड़े दो झंडे लेकर माता के दरबार में पहुंचा। उन्होंने बताया कि मां की कृपा से वह कई वर्षों से प्राचीन परंपराओं के मुताबिक झंडे लेकर यहां पहुंचते हैं।