मानवरहित रेलवे फाटक को लेकर शांता ने रेल मंत्री को लिखा पत्र, जानिए क्या है मामला

Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2018 03:43 PM

shanta write letter to railway minister about railway crossing

पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे ट्रैक पर मानवरहित रेलवे फाटक संख्या 78 को फिलहाल चालू रखने का अनुरोध सांसद शांता कुमार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से किया है।

पालमपुर: पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे ट्रैक पर मानवरहित रेलवे फाटक संख्या 78 को फिलहाल चालू रखने का अनुरोध सांसद शांता कुमार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से किया है। इस फाटक को लेकर स्थानीय लोगों ने हाल ही में हुए पंचायती राज चुनावों का बहिष्कार करने तथा लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है, ऐसे में अब उन्होंने रेल मंत्री से मध्यस्तता करते हुए स्थायी समाधान होने तक इस फाटक को चालू रखने का अनुरोध किया है। विदित रहे कि फतेहपुर के समीप यह फाटक स्थित है तथा डक, गुरियाल, बनौली, लारथ, चकवाड़ी, दाहव व सोहर इत्यादि गांवों के लोग इस फाटक के बंद होने से प्रभावि हुए हैं। इसके चलते शांता ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है। इससे पूर्व शांता कुमार उत्तरी रेलवे के मंडलीय प्रबंधक को भी पत्र लिख चुके हैं।


लोगों की सुविधा के लिए की जाए वैकल्पिक व्यवस्था
शांता के अनुसार यदि विभागीय मापदंडों के अंतर्गत इस फाटक को बंद किया जाना आवश्यक है तो लोगों की सुविधा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने रेल मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि रेलवे लाइन बिछने के समय से ही यह फाटक बना हुआ है, ऐसे में इस फाटक को बंद करना वर्तमान परिस्थितियों में तर्कसंगत नहीं है।


आपात परिस्थितियों में बढ़ रही परेशानी
उन्होंने कहा कि इस फाटक के बंद होने से जहां स्थानीय लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है, वहीं वे आपात परिस्थितियों में भी परेशानी से दो चार हो रहे हैं। उन्होंने रेल मंत्री से इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करने तथा मामले के स्थायी समाधान का आग्रह किया है। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी कहा कि समस्या के समाधान को लेकर केंद्र के समक्ष मामला उठाया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!