Edited By kirti, Updated: 19 Dec, 2019 05:08 PM
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने NRC और CAA के विरोध में गृहमंत्री अमित शाह का पुतला जलाया गया। नागरिकता संशोधन कानून सीधे तौर पर भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर वार करता है। जिस धर्म निरपेक्ष ढांचे के लिए क्रांतिकारी शहीदों ने...
शिमला(योगराज): एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने NRC और CAA के विरोध में गृहमंत्री अमित शाह का पुतला जलाया गया। नागरिकता संशोधन कानून सीधे तौर पर भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर वार करता है। जिस धर्म निरपेक्ष ढांचे के लिए क्रांतिकारी शहीदों ने अपनी जान की परवाह किए बिना हंसते हंसते अपनी जाने कुर्बान की थी l आज केंद्रीय सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए भारत को हिन्दू राष्ट्र की ओर ले जा रही है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का सीधे तौर पर उल्लंघन है। पूरे देश मे नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में तो छात्रों पर बर्बरता लाठीचार्ज किया गया है। पुलिस ने लाइब्रेरी व हॉस्टलों में घुसकर छात्रों को प्रताड़ित किया गया है अब तो माहौल यह विश्वविद्यालय परिसर में धारा 114 लगा दी गई है। छात्र बहुत घबराए हुए है और होस्टल व विश्वविद्यालय छोड़कर घर जा रहा है।
देश का बुद्धिजीवी तबका इस कानून का विरोध हो रहा है लेकिन केंद्रीय सरकार इस विरोध प्रदर्शन को दरकिनार करते हुए सिर्फ यह बात बोल रही है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश धार्मिक देश है। इसलिए भारत मे सिर्फ शोषितों को ही नागरिकता दी जाएगी जो मार्च 2014 से पहले 30 साल तक भारत में रह रहे है केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों के अलावा। एसएफआई का साफ कहना है कि नागरिकता का पैमाना धर्म नहीं हो सकता है अगर शोषण ही इसका पैमाना बनाया गया है तो धर्म को क्यों आधार बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश मे धार्मिक उन्माद की स्थिति भी बन सकती है। इसलिए एसएफआई इस कानून का विरोध कर रही है। एसएफआई केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर पूरे देश में इस कानून का विरोध कर रही है।