बिजली बोर्ड में EPF के नाम पर करोड़ों का घोटाला

Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2018 11:12 PM

scam of crores in the name of epf in electricity board

राज्य बिजली बोर्ड में आऊटसोर्स कर्मियों के ई.पी.एफ. में करोड़ों रुपए का गबन हो चुका है। बीते लगभग एक दशक से आऊटसोर्स कर्मचारियों का ई.पी.एफ. तो नियमित रूप से कट रहा है लेकिन 55 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को अबतक ई.पी.एफ. नंबर नहीं दिए गए हैं।

शिमला: राज्य बिजली बोर्ड में आऊटसोर्स कर्मियों के ई.पी.एफ. में करोड़ों रुपए का गबन हो चुका है। बीते लगभग एक दशक से आऊटसोर्स कर्मचारियों का ई.पी.एफ. तो नियमित रूप से कट रहा है लेकिन 55 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को अबतक ई.पी.एफ. नंबर नहीं दिए गए हैं। धोखाधड़ी का आलम यह है कि कुछ कंपनियां भविष्य के लिए नि:शुल्क में भी बिजली बोर्ड में आऊटसोर्स पर कर्मचारी देने को तैयार हैं। ई.पी.एफ. नंबर मांगने वाले कर्मचारियों को डराया-धमकाया जा रहा है।

2,600 आऊटसोर्स कर्मचारी दे रहे सेवाएं

राज्य बिजली बोर्ड में बीते एक दशक से लगभग 2,600 आऊटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इस लिहाज से कई साल से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों का लाखों में ई.पी.एफ. बनता है।  मौजूदा समय में सेवाएं दे रहीं ज्यादातर कंपनियां अपने आऊटसोर्स कर्मियों को ई.पी.एफ. नहीं दे रही हैं। एग्रीमैंट के मुताबिक यह बिजली बोर्ड को सुनिश्चित करना है कि आऊटसोर्स कर्मियों को समय पर मानदेय मिले और ई.पी.एफ. उनके खातों में जमा हो लेकिन बोर्ड प्रबंधन इसमें नाकाम रहा है।

पालमपुर सर्कल में 3 महीने से नहीं मिला मानदेय

प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आऊटसोर्स कर्मियों को बीते 2 माह से मानदेय नहीं मिल पाया है।  पालमपुर सर्कल में तो 3 महीने से मानदेय नहीं मिल पाया है।  

डाटा एंट्री ऑप्रेटर को 11,360 पर कंपनी दे रही 6,521 रुपए

बिजली बोर्ड में डाटा ऑप्रेटर, कम्प्यूटर ऑप्रेटर, मैंटीनैंस गैंग, ड्राइवर, तकनीकी कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। बिजली बोर्ड और सेवा प्रदाता कंपनी के बीच हुए एग्रीमैंट के मुताबिक बोर्ड एक डाटा एंट्री ऑप्रेटर को 11,360 रुपए दे रहा है, जबकि कंपनी द्वारा डाटा एंट्री ऑप्रेटरों को मात्र 6,521 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।, बाकी के 4,839 रुपए का कोई हिसाब नहीं है। इस पर बोर्ड प्रबंधन का भी चैक नहीं है।

बोर्ड ने फिर से आमंत्रित किए टैंडर

बिजली बोर्ड के एम.डी. जे.पी. काल्टा ने बताया कि बिजली बोर्ड ने आऊटसोर्स पर सेवाएं देने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के मकसद से फिर से टैंडर आमंत्रित किए हैं। इस बार किसी भी कंपनी को लूट की छूट नहीं दी जाएगी। जो कंपनियां टैंडर की शर्तों को पूरा करेंगी और सभी कर्मचारियों को समय पर मानदेय तथा ई.पी.एफ. देंगी, उन्हें ही भविष्य में टैंडर दिए जाएंगे।

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