Edited By Vijay, Updated: 18 Apr, 2019 04:26 PM
हिमाचल जैसे सुहाने प्रदेश में भी इन दिनों लोकसभा चुनावों की गर्मी से प्रदेश में सियासी तापमान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप पूरे उबाल पर है। इसी कड़ी में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के ऊना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र...
ऊना (अमित): हिमाचल जैसे सुहाने प्रदेश में भी इन दिनों लोकसभा चुनावों की गर्मी से प्रदेश में सियासी तापमान पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप पूरे उबाल पर है। इसी कड़ी में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के ऊना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के ओ.बी.सी. सम्मलेन में दिग्गज नेताओं ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला, जिसमें पूर्व सी.एम. वीरभद्र सिंह, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस के सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर शामिल रहे।
सत्ती की जुबान काटने पर ईनाम की घोषणा गलत
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी प्रदेश सतपाल सत्ती की विवादित टिप्पणियों पर उनका मानसिक संतुलन खराब होने का दावा किया। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा सत्ती का बचाव करने को उनकी मजबूरी करार दिया। हालांकि उन्होंने सत्ती की जुबान काटने पर ईनाम की घोषणा करने वाले कांग्रेस नेता एवं अधिवक्ता विनय शर्मा की आलोचना करते हुए उनकी टिप्पणी को गलत बताया है।
राठौर ने कर डाली आर.एस.एस. की प्रशंसा
वहीं इस ओ.बी.सी. सम्मलेन में कांग्रेस के हिमाचल अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती की विवादित टिप्पणियों पर उनकी आलोचना करते हुए कांग्रेस विचारधारा के विपरीत जाकर आर.एस.एस. की प्रशंसा कर डाली। राठौड़ ने आर.एस.एस. को देश में अच्छे संस्कार देने वाला और बेहतर संस्कृति निर्माण वाला संगठन बताया है। उन्होंने सतपाल सत्ती पर आर.एस.एस. संगठन की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया।
नीरज भारती को लेकर टिप्पणी करने बचते रहे राठौर
कांग्रेस अध्यक्ष ने सत्ती की जुबान काटने वाले को ईनाम की घोषणा करने वाले कांग्रेस नेता विनय शर्मा को भी गलत ठहराया जबकि ऐसी ही भाषा का प्रयोग करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक नीरज भारती को उनके द्वारा पार्टी सदस्य न होने के दावे के बाद भारती और उनके परिवार द्वारा पलटवार कर उनके दावे को गलत कहने के बाद उठे विवाद को चुनावों के बाद ही कुछ कहने की बात कही और इस पर टिप्पणी से बचते दिखे।