Edited By Simpy Khanna, Updated: 27 Aug, 2019 09:55 AM
मौसम की बेरुखी अनार की फसल पर भारी पडऩे लगी है। मजबूरी में लोगों को समय से पूर्व ही अनार का तुड़ान करना पड़ रहा है। बागवानों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश की वजह से लाल रसीला अनार फल पेड़ों पर ही फटने लगा है।
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): मौसम की बेरुखी अनार की फसल पर भारी पडऩे लगी है। मजबूरी में लोगों को समय से पूर्व ही अनार का तुड़ान करना पड़ रहा है। बागवानों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश की वजह से लाल रसीला अनार फल पेड़ों पर ही फटने लगा है। करीब 3 वर्ष पूर्व बारिश और सिंचाई की उचित व्यवस्था न होने की वजह से ऐसे हालात बने थे। उस समय भी अनार की फसल खराब हो गई थी। अबकी अत्यधिक बारिश ने बागवानों की परेशानी बढ़ा दी है। अत्यधिक बारिश व अत्यधिक सूखा दोनों ही परिस्थितियां अनार की फसल के लिए ठीक नहीं होतीं। खासकर जब अनार की फसल तैयार हो और आकार विकसित हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में मौसम का अनुकूल रहना जरूरी है।
बजौरा के बागवानों संजय कुमार, हरीश व गगन, नगवाई के त्रिलोक शर्मा, नीरज व विजय आदि ने कहा कि उन्हें बगीचे से समय पूर्व अनार की फसल का तुड़ान करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ किस्में ऐसी हैं जो ज्यादा खराब होने से बच भी सकती हैं। इन बागवानों का कहना है कि फसल खराब होने पर उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए। इन दिनों अनार की उचित कीमतें भी नहीं मिल पा रही हैं। इन बागवानों ने कहा कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है और रोटी के लाले पड़ जाने की नौबत आ गई है।
बगीचों से करें पानी की निकासी
उधर, सेवानिवृत्त उपनिदेशक एवं बागवानी विशेषज्ञ डा. एन.के. शर्मा कहते हैं कि बागवान अनार के बगीचों में बारिश के पानी की निकासी की भी उचित व्यवस्था करें। इससे कुछ हद तक फसल को बचाया जा सकता है।