नगर परिषद ऊना के कार्यालय में हंगामा, पार्षद के खिलाफ सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज

Edited By Vijay, Updated: 03 Nov, 2023 06:49 PM

ruckus in municipal council office una

नगर परिषद ऊना के कार्यालय में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। करीब 2 घंटे तक परिषद के कार्यालय में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इसी बीच नगर परिषद के एसडीओ राजेन्द्र सैनी ने वार्ड नंबर-5 के पार्षद एवं भाजपा नेता जनक राज खजांची पर उनसे सरकारी ड्यूटी में...

ऊना (सुरेन्द्र): नगर परिषद ऊना के कार्यालय में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। करीब 2 घंटे तक परिषद के कार्यालय में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इसी बीच नगर परिषद के एसडीओ राजेन्द्र सैनी ने वार्ड नंबर-5 के पार्षद एवं भाजपा नेता जनक राज खजांची पर उनसे सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और हमला करने का भी आरोप लगाया है। पुलिस को दी गई शिकायत में सहायक अभियंता राजेन्द्र सैनी ने कहा कि जब वह अपने कार्यालय में ड्यूटी पर थे तो करीब पौने 12 बजे पार्षद बाहर से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके कमरे में आए और हमला कर दिया। एसडीओ की इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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बहसबाजी के बीच एसडीओ ने गले से पकड़ा : जनक राज खजांची 
पार्षद जनक राज खजांची ने कहा कि वह वार्ड नंबर-5 से चुने हुए प्रतिनिधि हैं। वीरवार को उनके वार्ड के तहत सरकारी कार्यक्रम रखा गया था। 84 पौड़ियों के जीर्णोद्धार के इस कार्यक्रम में चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर उनकी अवहेलना की गई। नगर परिषद के एसडीओ जोकि ईओ की गैर-मौजूदगी में यहां के प्रमुख थे, उन्होंने न तो नगर परिषद अध्यक्ष, न उपाध्यक्ष और न उन्हें पार्षद के रूप में आमंत्रित किया। वह केवल यह जानने के लिए यहां पहुंचे थे। इस दौरान हुई बहसबाजी के बीच एसडीओ ने उन्हें गले से पकड़ा, जिससे वह आहत हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे सभी पार्षदों के साथ मिलकर यहां आंदोलन करेंगे। 

मामले का लेंगे कड़ा संज्ञान और करेंगे कार्रवाई
नगर परिषद में हुए इस प्रकरण के बाद अध्यक्ष पुष्पा देवी और उपाध्यक्ष विनोद पुरी बोदा सहित अन्य पार्षद भी पहुंच गए। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने कहा कि जब नगर परिषद में सरकारी कार्यक्रम रखा गया था तो आखिर उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया। किसके इशारे पर चुनी हुई नगर परिषद की उपेक्षा और अवहेलना की गई। नगर परिषद के कर्मचारी उनकी परिषद के कर्मी हैं। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजनीतिक द्वेष से दूर रहकर कार्यक्रम में सभी को आमंत्रित करना चाहिए था। वह इस मामले का कड़ा संज्ञान लेंगे और कार्रवाई करेंगे।

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षद को न बुलाने पर हुआ विवाद
दरअसल 2 नवम्बर को शहर की ऐतिहासिक 84 पौड़ियों के जीर्णोद्धार को लेकर शुभारंभ कार्यक्रम था। इस मौके पर पार्षद एवं श्री गुरु नानक देव जी के वंशज व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष बाबा अमरजोत सिंह बेदी, पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता सतपाल रायजादा और डीसी राघव शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे। इस पुनरोद्धार योजना पर करीब 40 लाख रुपए की लागत आएगी, जिसकी पहली किस्त के रूप में केंद्र से 28 लाख रुपए की राशि मिली है। विवाद इसी को लेकर था कि आखिर इस कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित संबंधित वार्ड के पार्षद को क्यों नहीं बुलाया गया।

पार्षद ने भी पुलिस से की शिकायत
नगर परिषद में हुए हंगामे के बाद भाजपा समर्थित पार्षदों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ बैठक की और इस प्रकरण को लेकर आगामी रणनीति बनाई गई। वार्ड नंबर-5 के पार्षद जनक राज ने भी पुलिस में अपनी शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को इसी प्रकार से प्रताड़ित किया गया तो इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
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