Edited By kirti, Updated: 03 Jun, 2019 11:27 AM
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की सर्पीली व मैदानी सड़कों में अप्रैल 2019 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 335 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन्हीं हादसों के चलते 1717 व्यक्ति गंभीर या आंशिक रूप से घायल होकर सड़क हादसों के दर्द से जिंदगी व्यतीत कर रहे हंै।...
धर्मशाला : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की सर्पीली व मैदानी सड़कों में अप्रैल 2019 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 335 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन्हीं हादसों के चलते 1717 व्यक्ति गंभीर या आंशिक रूप से घायल होकर सड़क हादसों के दर्द से जिंदगी व्यतीत कर रहे हंै। हालांकि पुलिस विभाग का दावा है कि गत वर्ष की तुलना में 8.8 फीसदी सड़क हादसों में कमी आई है, जिसमें गत वर्ष इसी समय अवधि में सड़क हादसों में 421 लोगों की मौत हुई थी जबकि 1698 लोग घायल हुए थे।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा उल्लंघनकर्त्ताओं के ड्राइHimachal Pradesh Hindi News, Kangra local Hindi News, Kangra Hindi Samachar विंग लाइसैंस को निरस्त करने के लिए संबंधित आर.एल.ए. को लिखने की बात लंबे समय से कही जा रही है लेकिन यह अभी तक फाइलों में ही दबे रहने के चलते भी बेगुनाह अपनी जान गंवा रहे हैं। मुख्य तौर पर प्रदेश की कई खस्ताहाल सड़कें भी हजारों व्यक्तियों की जान पर भारी पड़ रही हैं। उधर,, हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक सीता राम मरड़ी का कहना है कि सड़क हादसे को रोकने के लिए पुलिस पूरी जागरूकता से कार्य कर रही है। इसके चलते ही गत वर्ष की तुलना में 8.8 फीसदी सड़क हादसों में कमी आई है।
इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा उल्लंघनकर्त्ताओं के ड्राइविंग लाइसैंस को निरस्त करने के लिए संबंधित आर.एल.ए. को संस्तुति की जा रही है। वीकैंड व गर्मियों में ज्यादा होते हैं सड़क हादसे पुलिस व 108 सेवा के आंकड़ों पर गौर डाले तो प्रदेश की सड़कों में होने वाले सड़क हादसों में से अधिकतर हादसे वीकेंड और गर्मियों के सीजन पर होते हैं। अभिभावकों के द्वारा अपने नाबालिग बच्चों को स्पोर्ट्स बाइक्स या फिर चौपहिया वाहनों की चाबी थमा देने के चलते कई बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके साथ ही गर्मियों में तापमान बढऩे व नींद न पूरी होने से भी सड़क हादसों में बढ़ौतरी दर्ज की जाती है।
वीकैंड व गर्मियों में ज्यादा होते हैं सड़क हादसे
पुलिस व 108 सेवा के आंकड़ों पर गौर डाले तो प्रदेश की सड़कों में होने वाले सड़क हादसों में से अधिकतर हादसे वीकेंड और गर्मियों के सीजन पर होते हैं। अभिभावकों के द्वारा अपने नाबालिग बच्चों को स्पोर्ट्स बाइक्स या फिर चौपहिया वाहनों की चाबी थमा देने के चलते कई बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके साथ ही गर्मियों में तापमान बढऩे व नींद न पूरी होने से भी सड़क हादसों में बढ़ौतरी दर्ज की जाती है।