लोकसभा चुनाव की आड़ में सक्रिय हुए बागी, कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ीं

Edited By Vijay, Updated: 14 Nov, 2018 08:55 PM

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लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हिमाचल कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। चुनावी बेला को नजदीक आते देख संगठन से बाहर चल रहे बागी अब सीधे तौर पर पार्टी नेताओं पर निशाने साधने लगे हैं, जिससे कांग्रेस में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है।

शिमला (राक्टा): लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हिमाचल कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। चुनावी बेला को नजदीक आते देख संगठन से बाहर चल रहे बागी अब सीधे तौर पर पार्टी नेताओं पर निशाने साधने लगे हैं, जिससे कांग्रेस में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। संगठन में बागियों की वापसी को लेकर यह पूरा मामला सामने आया है। आरोप लग रहे हैं कि  पार्टी का एक धड़ा विरोधी गुट के संगठन से बाहर किए गए नेताओं व पदाधिकारियों की वापसी नहीं चाहता है जबकि अपने करीबियों की वापसी को लेकर अंदरखाते पूरा ताना-बाना बुन लिया गया है, ऐसे में संगठन से बाहर चल रहे नेताओं ने सीधे तौर पर संगठन के नेताओं पर निशाना साध दिया है।

चुनाव में भुगतना पड़ सकता है खमियाजा
लोकसभा चुनाव से पहले उठे इस विवाद का पार्टी को चुनाव में खमियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। देखा जाए तो संगठन से बाहर चल रहे नेताओं व पदाधिकारियों में कई चेहरे ऐसे भी हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में खासा रसूख रखते हैं। कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियोंं की मिली शिकायतों के चलते 120 से अधिक नेताओं व पदाधिकारियों को संगठन से 6 साल के लिए निष्कासित किया था।

शिमला शहरी विस से उठी चिंगारी
बागियों की वापसी को गरमाई गुटबाजी का विवाद शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से गंूजा। इसके तहत पूर्व वीरभद्र सरकार में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हरीश जनारथा सहित कांगे्रस से बाहर चल रहे कई वरिष्ठ नेताओं ने सीधे तौर पर पार्टी महासचिव पर निशान साधा। निष्कासित कांग्रेसियों का कहना है कि बागियों की वापसी को निर्णय हाईकमान लेता है लेकिन कुछ नेता इस मसले पर बयानबाजी कर अपनी राजनीति चमकाने के प्रयास कर रहे हैं। निष्कासित कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि विरोधी गुट कुछ पदाधिकारियों की बहाली नहीं चाहता और इसके तहत हाईकमान को गुमराह करने के प्रयास हो रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार यही मामला अब अन्य विस क्षेत्रों में गूंजना शुरू हो गया है, जिससे आगामी दिनों में कांग्रेस की दिक्क तें बढ़ सकती हैं।

पहले निष्कासन पर विवाद, अब वापसी पर घमासान
पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त कांगे्रसियों के पहले निष्कासन पर विवाद उठा और अब उनकी वापसी पर राजनीति गरमाने लगी है। पहले मुद्दा गरमाया था कि पार्टी के एक धड़े ने विरोधी गुट के लोगों को निष्कासन के नाम पर पार्टी से बाहर किया है।

बागियों के लिए बनाई गई 3 श्रेणियां
कांग्रेस ने बाहर चल रहे पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की 3 श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में वे पदाधिकारी हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ  चुनाव लड़ा। दूसरी श्रेणी में वे पदाधिकारी हैं जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे और तीसरी श्रेणी में वे पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कांग्रेस के स्थान पर अन्य राजनीतिक दलों के पक्ष में खुलेआम प्रचार किया। इसी आधार पर अब बागियों की वापसी पर निर्णय लिया जाएगा।

भाजपा की रणनीति, संपर्क में कई
लोकसभा चुनाव में राज्य कांग्रेस को चारों खाने चित्त करने के लिए भाजपा भी व्यापक रणनीति के तहत काम कर रही है। इसके तहत प्रदेश कांग्रेस से निष्कासित चल रहे कुछ नेताओं व पदाधिकारियों से भाजपा लगातार संपर्क में है। इसी कड़ी में कुछ निष्कासित नेता व पदाधिकारी जल्द ही भाजपा का दामन भी थाम सकते हैं।

यहां से चुनावी मैदान में उतरे ये बागी
बागी नेताओं ने बीते विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ विभिन्न विस क्षेत्रों में कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए थे। 12 हलके प्रमुख रूप से ऐसे थे, जहां बागी हुए नेताओं द्वारा पार्टी के समीकरण बिगाड़ दिए गए थे। कांग्रेस के पूर्व नेता हरीश जनारथा ने शिमला शहर हलके से चुनावी मैदान में उतरे थे। इसके साथ ही बावा हरदीप सिंह ने नालागढ़, पूर्ण चंद ठाकुर ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के विस क्षेत्र दं्रग, पूर्व मंत्री सिंघी राम रामपुर तो मेजर विजय सिंह मनकोटिया शाहपुर से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में कूदे थे।

यहां बाहर, अन्य राज्यों में संभाला कार्यभार
पार्टी से बाहर किए गए युवा कांग्रेस के कई पदाधिकारियों को यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा विभिन्न राज्यों व कमेटियों का कार्यभार सौंपा गया है जबकि प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें बाहर निकाल रखा है, ऐसे में अंदरखाते कई सवाल भी उठ रहे हैं।

क्या बोले मीडिया विभाग के चेयरमैन
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने बताया कि मैरिट के आधार पर ही निष्कासित नेताओं व पदाधिकारियों की संगठन में वापसी होगी। कुछ लोगों ने वापसी के लिए आवेदन किए हैं और हाईकमान के दिशा-निर्देशानुसार इस विषय में आगामी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है और संगठन के नेता एकजुट होकर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे हैं।

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