सहकारी सभा करलोटी के सचिव की अचल संपत्ति होगी अटैच, विभाग ने शुरू की कवायद

Edited By Vijay, Updated: 09 Oct, 2018 09:47 PM

real estate of secretary will be attached

दी ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित करलोटी के सदस्यों के लिए राहत भरी खबर है। जानकारी के अनुसार जिला सहकारी सभाएं बिलासपुर ने सभा में हुए घोटाले को लेकर आरोपित सभा सचिव की अचल संपत्ति को सभा के साथ अटैच करने की कवायद शुरू कर दी है।

बिलासपुर: दी ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित करलोटी के सदस्यों के लिए राहत भरी खबर है। जानकारी के अनुसार जिला सहकारी सभाएं बिलासपुर ने सभा में हुए घोटाले को लेकर आरोपित सभा सचिव की अचल संपत्ति को सभा के साथ अटैच करने की कवायद शुरू कर दी है। विभाग ने पपलाह में मौजूद अचल संपत्ति को सभा के साथ अटैच करने का निर्देश जारी कर दिया है जबकि आरोपी की चंडीगढ़ स्थित अचल संपत्ति को अटैच करने का केस बनाकर इसे सहकारी सभाएं के रजिस्ट्रार को भेज दिया है।

8 करोड़ से ऊपर का है घोटाला
इस सहकारी सभा में सचिव ने करीब 8 करोड़, 12 लाख 48 हजार 183 रुपए का गड़बड़झाला किया था। इसमें मूलधन 6 करोड़, 46 लाख 46 हजार 701 रुपए था जबकि इस राशि पर ब्याज की राशि 1 करोड़ 66 लाख 1 हजार 482 रुपए बनता है। सभा में हुए इस गड़बड़झाले का खुलासा सहकारी सभाएं बिलासपुर द्वारा किए मार्च, 2018 में किए गए ऑडिट में हुआ था। इसके बाद हरकत में आए विभाग ने अब इस सभा का पूरा ऑडिट करवाने का निर्णय लिया। सभा का ऑडिट अभी तक चला हुआ है तथा संभावना जताई जा रही है कि यहां और भी गड़बड़झाला सामने आ सकता है।

सचिव की हो चुकी है मौत
जानकारी के अनुसार सभा के सचिव ने कागजों में ही सभा की 5 करोड़ 33 लाख रुपए की जमा पूंजी बैंक में जमा दर्शायी जबकि 1 करोड़ 10 लाख रुपए का कर्ज स्वयं ही अपने नाम कर लिया जबकि इसके लिए सभा प्रबंधन से कोई मंजूरी नहीं ली गई है। बताया जा रहा है कि इस सभा का ऑडिट 2 वर्ष तक नहीं हुआ था। यदि हर वर्ष नियमित तौर पर इसका ऑडिट होता तो गड़बड़झाले की राशि कम हो सकती है। सभा के सचिव की मृत्यु हो जाने के कारण विभाग पुलिस में नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करवा सकता। इसके चलते सहकारी सभाएं बिलासपुर ने संबंधित सचिव की पॉपर्टी को हिमाचल प्रदेश सहकारी अधिनियम 1968 के तहत सभा के साथ अटैच करने का निर्णय लिया है।

कानूनी वारिस को जमा करवानी होगी संबंधित राशि
बताया जा रहा है कि संबंधित अचल संपत्तियों को सभा के साथ अटैच करने के बाद विभाग उसके कानूनी वारिस को संबंधित राशि को जमा करवाने का आदेश देगा और यदि कानूनी वारिस पैसा जमा नहीं करवाता तो विभाग इन संपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू करेगा और नीलामी से आने वाली राशि से लोगों के पैसे का भुगतान करेगा। सभा के सचिव के नाम पर चंडीगढ़ में करीब 4 करोड़ रुपए की संपत्ति है। सहकारी सभाएं बिलासपुर के सहायक पंजीयक रमेश शर्मा ने बताया कि सचिव की पपलाह की संपत्ति को अटैच करने के आदेश दे दिए गए हैं जबकि चंडीगढ़ की संपत्ति को अटैच करने का केस विभाग के रजिस्ट्रार को भेज दिया है।

1 अरब 25 करोड़ का है टर्नओवर
दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित तलाई का टर्नओवर 1 अरब 25 करोड़ रुपए है। यहां पर सभा ने अपनी कुल राशि का 85 प्रतिशत पैसा लोगों को लोन के रूप में दे दिया जबकि नियमानुसार 40 प्रतिशत तक पैसा लोन में दिया जाता है बाकी 60 प्रतिशत पैसा बैंक में रखा जाता है ताकि लोगों को समय पर उनके पैसे का भुगतान हो सके। बताया जा रहा है कि ज्यादा लोन देने के कारण वित्तीय तरलता बाधित हुई है तथा इसी कारण यहां पर लोगों को उनके द्वारा डिपॉजिट पैसा नहीं मिल पा रहा है। सहकारी सभाएं बिलासपुर ने यहां पर भी ऑडिट करवाना शुरू कर दिया है।

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