Edited By Vijay, Updated: 14 May, 2019 07:54 PM
सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र में पिछले लगभग 4 दिनों से लगातार हो रही वर्षा व ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। सिरमौर के पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि से सेब, नाशपाती, पलम, खुमानी, आड़ू, मटर और टमाटर की फसलें तबाह होने की कगार पर...
राजगढ़ (गोपाल शर्मा): सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र में पिछले लगभग 4 दिनों से लगातार हो रही वर्षा व ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। सिरमौर के पहाड़ी इलाकों में ओलावृष्टि से सेब, नाशपाती, पलम, खुमानी, आड़ू, मटर और टमाटर की फसलें तबाह होने की कगार पर हैं। एक अनुमान के अनुसार 90 फीसदी तक नुक्सान होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं जिला सिरमौर की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला चूड़धार चोटी में भी 3 दशकों बाद मई के दूसरे सप्ताह मे हिमपात होने से तापमान मे भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।
इसके अलावा लहसुन का इस पूरे गिरीपार क्षेत्र में भारी मात्रा मे उत्पादन होता है और इन दिनों लहसुन की खुदाई का कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन वर्षा से जहां खुदाई का कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों को लहसुन की फसल को सुखाने में भी भारी परेशानी आ रही है। नौहराधार के तहत चौरास, फागनी, टारना, तलांगना, जौ का बाग आदि इलाकों में ओलावृष्टि से किसान-बागवान चिंतित हो गए हैं।
ओलावृष्टि से कई जगह मटर की फसल खेतों में बिछ गई है तथा अन्य फसलों को भी नुक्सान पहुंचा है। तापमान का घटना सेब की फसल के लिए नुक्सानदायक साबित हो सकता है। किसान अनिल ठाकुर, सुरेंद्र तोमर, रघुनाथ सिंह, राजपाल ठाकुर व जय प्रकाश चौहान बताया कि इन दिनों जैसा मौसम चल रहा है वह किसानों व बागवानों के लिए अनुकूल नही है।